बनेंगे नए नगर पंचायत, समस्तीपुर को मिल सकता है नगर निगम का दर्जा,
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जेटी न्यूज।
समस्तीपुर। अगर सर्वे में यह साबित हो गया की समस्तीपुर नगर परिषद क्षेत्र में आवासित 50 प्रतिशत लोग गैर कृषि कार्यों में संलिप्त हैं, तो बहुत जल्द समस्तीपुर, नगर निगम बन जाएगा। रविवार को जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने समाहरणालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उक्त आशय की जानकारी देते हुए बताया की राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों के निर्माण के लिए तय मापदंड में हालिया संशोधन के अनुसार अगर 02 लाख से ज्यादा आबादी एवं 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग गैर कृषि कार्यों में संलग्न हैं l
उस क्षेत्र को नगर निगम का दर्जा, 40 हजार से 02 लाख तक की आबादी एवं 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग गैर कृषि कार्यों में संलग्न है तो उसे नगर परिषद एवं 12 हजार से 40 हजार की आबादी और 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग गैर कृषि कार्यों में संलग्न है तो उसे नगर पंचायत का दर्जा मिलेगा।
पहले सभी श्रेणियों के लिए गैर कृषि कार्यों में लगे लोगों का प्रतिशत 75 था। डीएम ने बताया की इस आलोक में समस्तीपुर नगर परिषद, रोसड़ा एवं दलसिंहसराय नगर पंचायत को जल्द-से-जल्द एक नक्शा बनाने को कहा गया है, जिसमे इस बात का जिक्र करना आवश्यक है की उनके क्षेत्र से सटे कौन-कौन से ऐसे पंचायत हैं,
जहां जनसंख्या का घनत्व ज्यादा है एवं कितने लोग गैर कृषि कार्यों में लगे हैं। इसके अलावे कुछ प्रखण्ड मुख्यालय जैसे ताजपुर, पूसा, सरायरंजन, पटोरी आदि को जल्द ही नगर पंचायत भी बनाया जा सकता है। सभी संबन्धित पदाधिकारियों को एक फॉर्मेट भी भेज दिया गया है,
जिसमे संबन्धित विवरणी भरकर सभी को 20 मई तक जिला मुख्यालय में जमा करना है। तत्पश्चात जल्द ही राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। इसका फायदा गिनाते हुए डीएम ने बताया की ग्राम पंचायतें जैसे ही नगर में परिवर्तित होती हैं,
तो क्षेत्र में विकास की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाएंगी, नए नगर निकायों की स्थापना एवं बदलाव से इलाके को न केवल ज्यादा संसाधन मुहैया हो पाएगा, अपितु क्षेत्र का और भी बेहतर ढंग से रख-रखाव संभव हो पाएगा साथ ही नगर निकायेँ अपने क्षेत्र में साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, सौंदर्यीकरण आदि का काम एजेंसी के माध्यम से भी सीधे करवा सकते हैं।
कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने बताया की अभी तक जिले में कुल 13 हजार लोग बाहर से आ चुके हैं, जो 210 विभिन्न क्वारंटिन कैंप में आवासित हैं। चूंकि बाहर से आने वालों की तादाद में रोज बढ़ोत्तरी हो रही है, इसलिए जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है की अब पंचायत और गांवों में भी क्वारंटिन कैंप शुरू किया जाएगा।