*किया गया ऑनलाइन संवादाता सम्मेलन का आयोजन*9431406262

*करोना महामारी से निपटने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल*

*राज्य सरकार का रवैया मजदूरों के प्रति अत्यंत क्रूर और अमानवीय*

जेटी न्यूज़।

पटना::- आज सीपीआई(एम) बिहार राज्य कमिटी की ओर से आयोजित ऑनलाइन प्रेस संवादाता सम्मेलन को पार्टी के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा बिहार की जदयू भाजपा सरकार कोरोना महामारी से निपटने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। शुरुआती दौर से ही इस मोर्चे पर उसकी अकर्मण्यता, स्वास्थ्य से जुड़ी आधारभूत संरचनाओं का विस्तार करने, स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक सुरक्षा किट उपलब्ध कराने, साफ-सफाई, मास्क, साबुन सैनिटाइजर आदि आवश्यक सामानों को आम लोगों के बीच मुफ्त बांटने के प्रति इस सरकार की उदासीनता एवं रोज कमाने खाने वाले बहुसंख्यक श्रमिक जनता को भुखमरी की हालत में छोड़ देने की संवेदनहीनता ने बिहार में अराजकता की स्थिति पैदा कर दी है। जांच कम होने और विभिन्न स्तरों पर उसकी सुविधा में कमी होने से बिहार में बड़ी संख्या में असुरक्षा का खतरा बढ़ गया है।

आज जबकि देश के हर कोने से बिहारी प्रवासी मजदूर भूखे, प्यासे, पुलिस की मार और तेज गाड़ियों की रफ्तार से जीवन गंवा रहे हैं, वैसी परिस्थिति में बिहार सरकार का रवैया मजदूरों के प्रति अत्यंत क्रूर और अमानवीय है। पहले तो यह सरकार प्रवासी मजदूरों को बिहार वापस करने के लिए तैयार नहीं थी। वामपंथी दलों एवं अन्य विपक्षी दलों के दबाव से जब उन्हें वापस लाया जा रहा है तो उनसे रेलगाड़ी का किराया वसूले जा रहे हैं और साथ-साथ उन्हें भोजन पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। बिहार आने पर उन्हें घर पहुंचाने के लिए परिवहन सुविधा भी नहीं दी जा रही है। पटना छोड़कर अन्य जिलों से जो खबरें आ रही है वह अत्यंत भयावह और आने वाले कल की भी भयावह तस्वीर प्रस्तुत करती है।

प्रवासी मजदूरों को जिन तथाकथित क्वारंटाइन केंद्रों में रखा जा रहा है वहां उन्हें सामान्य सुविधा भी मुहैया नहीं किया जा रहा है। दरभंगा, मधुबनी समस्तीपुर, कटिहार, चंपारण, बेगूसराय, सीतामढ़ी सहित अन्य जिलों के क्वारेंटाइन केंद्रों की नारकीय स्थिति है और प्रवासियों के विरोधों की खबरें लगातार आ रही है। मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न केंद्रों में रह रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत का प्रचार सरकारी प्रचार तंत्र का हथकंडा मात्र है।

आज पूरे राज्य में कवरांटाइन केंद्रों में आपूर्ति किए जाने वाले सामानों की खरीद में पैसे का लूट हो रहा है और उसमें पदाधिकारियों के साथ-साथ सरकारी दलों से भी जुड़े स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की मिलीभगत है। दरभंगा से एक बड़ी ही चिंताजनक खबर आई है, जिसके अनुसार प्रवासी मजदूरों द्वारा भोजन की शिकायत करने पर स्थानीय सी.आे ने उन प्रवासी मजदूरों को अलग कमरे में बंद कर उन्हें बुरी तरह पीटा और चुप रहने की हिदायत दी। ऐसी घटनाएं आम हैं और बिहार सरकार को तत्काल क्वारांटिन केंद्रों में आवश्यक सभी सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए और संवेदनहीन भ्रष्ट नौकरशाहों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्रवासी मजदूरों में जो संक्रमित हैं उन्हें समाज भी कलंकित कह रहा है और यहां आकर उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या भी मुंह बाए हुए हैं।

*पार्टी मांग करती है कि:*

-सभी क्वारांटिन केंद्रों में पोस्टिक भोजन सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय। भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाय।
-सभी गैर आयकर दाता परिवारों को तालाबंदी के दौरान ₹7500 प्रतिमाह दिया जाय।
-सभी परिवारों को प्रति व्यक्ति 10 किलो राशन एवं अन्य आवश्यक सामान 6 महीने तक मुहैया कराई जाए।
-मनरेगा के अंतर्गत शहरों एवं गांवों में सभी परिवार को काम दिया जाय और ₹500 रोज मजदूरी दिया जाय।
-जांच में तेजी लाया जाय और जांच की सुविधा सभी स्तरों पर लागू किया जाए।

-राज्य से लेकर स्थानीय निकाय तक सर्वदलीय निगरानी कमेटी का गठन किया जाय।
-करोना विषाणु से लड़ने के लिए अधिक संसाधन एवं वित्तिय सहायता केंद्र मुहैया कराए।

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