*भीषण धूप भी हिम्मत नहीं तोड़ रहें धरना पर डट रहे रोजगार के लिए आंदोनकारी*

*जिला प्रशासन से लेकर रेलप्रशासन तक कुंभकर्ण के नींद में सोये हुए , 16वें दिन भी धरना स्थल पर नहीं पहुंचें अधिकारी।*

 

*लगातार 16 वें दिन हजारों युवाओं के द्धारा आंदोलन जारी*

*गरीबों के वोट केवल राजनीति चमकाने के लिए होती है युवाओं के बेरोजगारी और भूखमरी से सरकार और रेलप्रशासन दिख रहें अनभिज्ञ:-अरूण कुमार श्रीवास्तव*

अभिमन्यु सिंह जेटी न्यूज ब्यूरो प्रमुख बेगूसराय

गढ़हरा/बरौनी (बेगूसराय) एक ओर सरकार का दावा बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने का दूसरी ओर युवा विकास मोर्चा के बैनर तले हजारों की संख्या में बेरोजगार युवाओं के द्धारा *घेरा डालो डेरा डालो* अनिश्चिकालीन धरना पर लगातार लोकोमोटिव शेड गढ़हरा के मुख्य द्वार पर एक पखवाड़े से डटे हुए हैं। जिनकी सुधि लेने में न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि और न ही रेल प्रशासन द्वारा ही दिलचस्पी दिखाई जा रही है। गौरतलब हो कि जहां इस भीषण चिलचिलाती धूप में लोगों का दस मिनट से अधिक खड़ा होना मुश्किल साबित हो रहा था। वहीं धरना पर डटे हजारों युवाओं के द्धारा वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए तिरंगा झंडे के साथ मुख्य द्वार पर अपनी तीन सूत्री मांगों के समर्थन में रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना पर डटे युवाओं ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में गढ़हरा में आधुनिक नवनिर्मित लोकोमोटिव शेड का अविलंब उद्घघाटन व उक्त शेड में स्थानीय युवाओं के रोजगार सुनिश्चित करने आदि मांगें शामिल है। युवाओं ने बताया कि ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी रेल प्रशासन के आला-अधिकारियों को नहीं है। रेल प्रशासन धरना के पल-पल की गतिविधि से लगातार अवगत हो रहे हैं लेकिन इस दिशा में पूर्णतः उदासीन बने हैं जहां सरकार युवाओं को रोजगार देने का दावा कर रहें हैं वहीं हजारों युवा आधुनिक नवनिर्मित लोकोमोटिव शेड पर धरनें पर बैठें हुए हैं मगर ये सरकार कुंभकर्ण की निंदा में सोई दिखाई दे रही है दूसरी ओर क्षेत्र के सांसद व विधायक को भी युवाओं की समस्या से कोई लेना देना नही है।या ये भी कह सकते हैं कि वे लोग भी बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की दिशा में पहल करना मुनासिब नहीं समझते हैं। इसको लेकर युवाओं में काफी आक्रोश देखा गया।बरौनी व गढ़हरा के स्थानीय लोगों ने कहा कि चुनाव के समय वोट के लिए सभी दल के नेता बेरोजगारी को दूर करने के मुद्दे पर काफी लोक लुभावने बड़े-बड़े वादे करतें अवश्य नहीं थकते हैं।लेकिन चुनाव के बाद सभी वादे भूल जाते हैं।आगे धरना पर बैठे युवाओं ने बताया कि बेगूसराय सांसद व केन्द्रीय मंत्री पिछले चार दिनों से बेगुसराय जिलें में सक्रिय बनें हुए हैं उन्हें युवाओं के रोजगार से कोई लेना-देना नहीं दिख रहा है। केवल चुनाव की रणनीति तैयार करने में लगें हुए हैं, बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर उनका सुधि नहीं लेना क्षेत्र में चर्चा का विषय अवश्य बना हुआ है। ऐसा लगता है कि सांसद को बेरोजगारों की समस्या से कोई लेना देना नहीं है।मोर्चा के संयोजक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि लगातार 16 वें दिन युवाओं द्वारा शांतिपूर्ण अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन जारी है।लेकिन रेल प्रशासन निर्णायक आंदोलन की पूर्णतः अनदेखी कर रही है। नतीजतन युवाओं का आक्रोश धीरे-धीरे गहराता जा रहा है । रेल प्रशासन को अविलंब संज्ञान लेने की जरूरत है। अन्यथा आंदोलन उग्र होने पर इसकी सारी जबाबदेही रेल प्रशासन की होगी। इधर सैकड़ों युवाओं ने बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नही होगी वे एकजुट होकर धरने पर ही बैठे रहेंगे।क्योंकि अब युवाओं के समक्ष करो या मरो की स्थिति बनी है।

जिसे देखने वाला कोई नहीं है चाहे रेलप्रशासन हो या जिला प्रशासन जहां जिला पदाधिकारी के पास भी इस हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने में असर्मथ दिख रहें हैं जिसका नतीजा है कि 16 दिनों से चल रहें धरना-प्रदर्शन में जिलें के कोई अधिकारी अभी तक रेलप्रशासन या धरना कर रहें युवाओं के बीच समस्या भी जानने की कोशिश नहीं किए। मौके पर गौरवचंद्र गांधी, मदन कुमार, वीरेंद्र कुमार, विक्रम कुमार, विजय कुमार ,मुकेश कुमार, अजित कुमार, सत्यजीत राज, निरंजन कुमार, मनीष राज ,शिवम यादव, देवेन्द्र राम, मो समीउल्लाह, मो नेहाल ,मो रियाज ,प्रह्लाद पासवान, अरविंद राम, अरुण कुमार ,अमन कुमार बादल, श्रवण कुमार सहित हजारों युवा मौजूद थें ।

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