*सांसत में लोग जीने को है विवश।* रमेश शंकर झा/राकेश कुमार यादव की रिपोर्ट, बेगूसराय बिहार।*
रमेश शंकर झा/राकेश कुमार यादव की रिपोर्ट,
बेगूसराय बिहार।
बेगूसराय:- जिले के बछवाड़ा थाना क्षेत्र में चोरी की घटनाओं पर नियंत्रण करने के लिए चौकीदार नियुक्त किए जाते हैं। फिर भी बछवाडा़ थाना में इन्ही कार्यों के लिए लगभग चालिस चौकीदार नियुक्त हैं । जिनके लिए सरकार कुल 1200000 लाख रूपए प्रति वेतन मद में खर्च किए जाते हैं इसके बावज़ूद बछवाडा़ में एक सप्ताह के भीतर हीं तीन चोरी की घटनाएँ प्रकाश में आयी है। इस प्रकार चोरी की घटनाओं में इजाफा होना आम लोगों के लिए सांसत में जीने को विवश तो हैं हीं साथ हीं सरकार के बारह लाख रूपए का खर्च भी व्यर्थ सिद्ध हो रहा है। वहीँ बछवाडा़ थाना क्षेत्र के हादिपुर गांव में घर के सद्स्यों के सोए रहने की नजाकत का फायदा उठाकर अज्ञात चोरों नें घर में रखे सात बक्से एवं जेवरात समेत अन्य सामान लेकर चंपत हो गया। जिसमे हादिपुर निवासी धीरज सिंह नें बछवाडा़ थाने में आवेदन देकर मामले की सुचना देते हुए कहा है कि बुधवार की रात घर के सारे लोग खाना खाकर सो गए थे। गुरूवार की अहले सुबह जब निंद खुली तो घर के सारे बक्से एवं अन्य सामान गायब, देख लोगों के होश उड़ गए। घर के महिलाओं के रोने चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण इकट्ठे हो गए। इसी क्रम में घटना की सुचना थानाध्यक्ष को दी गयी। तत्पश्चात दलबल के साथ पहुंचे थानाध्यक्ष परशुराम नें पिडी़त पक्ष से आवेदन लेकर मामले की जांच शुरू कर दिया है। इधर शौच के लिए निकले ग्रामीणों ने जब घर से लगभग पचास मीटर की दुरी पर हीं सभी गायब बक्से को बरामद होने की सुचना पुलिस को दिया। सभी बरामद बक्से का ताला तोड़कर सभी सामान अज्ञात चोर गायब कर चुके थे। थानाध्यक्ष नें बताया कि घटना की छानबीन की जा रही है। जल्द हीं खुलासा हो जाएगा। मगर यह कोई पहली घटना नहीं है, इसी हफ्ते क्षेत्र के समाजसेवी कामनी कुमारी के गौशाला से चोरों नें मोटर, पंखा, बल्ब सहित अन्य उपस्कर को अज्ञात चोरों नें गायब कर दिया था। झमटिया ढाला पर प्रति माह दो से अधिक दुकानों में चोरी की घटनाएँ घटती है। स्थानीय निवासी ग्रामीण कहते हैं कि चोरी की अधिकतर घटनाओं में जांच एवं छानबीन करना तो दुर, पुलिस आवेदन तक लेने से भी हिचकिचाते हैं। अभी-अभी हाल हीं में एक चौकीदार पुत्र संजीत कुमार जब मोबाइल छीनतई की घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने गये तो गाली ग्लौज नसीब हुआ। तत्पश्चात उक्त चौकीदार पुत्र नें वरिय पुलिस अधिकारियों को आवेदन के माध्यम से शिकायत किया था। खैर जो भी हो लेकिन फिर भी नियंत्रण कैसे हो यह समस्या मुंह बाए खरी है।