अकादमिक प्रशासन सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था से भिन्न – कुलपति, प्राचार्यों व पदाधिकारियों की बैठक संपन्न
जेटी न्यूज
दरभंगा। अकादमिक प्रशासन दुनिया के सभी प्रशासनों से भिन्न होते हैं। अन्य प्रशासनों में प्रशासक को अपने से न्यून पदधारकों पर शासन करना पड़ता है। परन्तु अकादमिक प्रशासन समकक्ष लोगों को साथ लेकर चलता है। बराबर की योग्यता, सामर्थ्य वाले लोग मंच पर भी हैं और मंच के सामने भी। दोनों के बीच दूरी रहते हुए भी दूरी नहीं है। दोनो में एक और फर्क है । सामने बैठे स्थायी हैं और मंच पर बैठे अस्थायी। हम कह सकते हैं कि अकादमिक प्रशासन में अस्थायी द्वारा स्थायी पर शासन होता है। उक्त बातें आज विश्वविद्यालय परिसर स्थित जुबिली हाल में विश्वविद्यालय विभागों के प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के लिए यह सौभाग्य की बात है कि प्रतिकुलपति एवं कुलसचिव आपके ही बीच के हैं। उन्होंने शिक्षकों से सीमा से परे नवाचार ( beyond boundary innovation) , प्रगतिशील विचार, परिणाम परक शोध, पाठ्यक्रम में तर्कपूर्ण बदलाव हेतु उत्प्रेरित किया। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय मानकें तय हैं। हमें अपनी उपलब्धियों के बदौलत उस मानक को पार करना होगा। आज के परिदृश्य में आर्डिनरी, एक्सट्रा आर्डिनरी प्रर्दशन का महत्व नहीं है। शैक्षिक क्षेत्र में पहचान बनाने के लिए श्रेष्ठतम गुणवत्ता उत्पन्न करने होंगे। उन्होंने शिक्षकों को आह्वान किया कि अभी से अपने अपने विभागों में जाकर जागरूकता पैदा कीजिए।
अपने संबोधन में प्रति कुलपति प्रो डॉ डॉली सिन्हा ने कहा कि उनकी विद्यालयी शिक्षा दरभंगा में ही हुई है। आज ईश्वर की कृपा से मिथिलांचल की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है । यहां की संस्कृति एवं कला समृद्ध है। विश्वविद्यालय की तरक्की के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में नैक होने वाला है इसमें 250 अंक अनुसंधान पर है। प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि समाजिक विज्ञान ,कला एवं साहित्य में शोध की अपार संभावनाएं हैं। सभी शिक्षकों के अधीन शोध परियोजनाएं होनी चाहिए। बैठक के आरंभ में कुलसचिव द्वारा प्राचार्यों का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि कुलपति महोदय ने क्रमश: पदाधिकारियों , संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, स्ववित्त पोषित योजना अधीन संचालित संस्थान के निदेशकों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठकें की है। आज आपके साथ बैठक हो रही है। सोमवार को विश्वविद्यालय विभागों के सह प्राचार्य एवं सहायक प्राचार्यों की बैठक होगी। इन बैठकों से शैक्षणिक उन्नयन के लिए रोड मैप तैयार करने में मदद मिलेगी। बैठक में प्रो चन्द्र भानु प्रसाद सिंह, प्रो के के साहू,प्रो एल के सिंह काब्या, प्रो नारायण झा,प्रो विजय कुमार यादव एवं प्रो रतन कुमार चौधरी ने अपने विचार रखे तथा प्रो रतन कुमार चौधरी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक समाप्त की गई।
Website Editor :- Neha Kumari