गंगा स्नान मेला तीस को, कोई तैयारी नहीं गंदगी का लगा अंबार ।
*जे०टी०न्यूज:-*
केसरिया /पू०च०
कार्तिक पुर्णिमा को लगने वाले ढेकहां (सतरघाट) गांगा स्नान मेला को लेकर कोई प्रसासनिक सुबिधा कि तैयारी अभी तक नहीं हुआ है उस ऐतिहासिक स्थल पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है ।धार्मिक शास्त्रों के अनुसार कार्तिक माह को विशेष शुभ फलदायी बताया गया है। इस महीने में सूर्योदय से पहले गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व इस बार 30 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के साथ पंडित व गरीबों के बीच दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। इस दिन दीप दान का विशेष महत्व बताया गया है। जहां गंगा और अन्य नदियां आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, वहां लोग जलाशयों में भी स्नान कर सकते हैं।
देवी-देवताओं के उत्सव का दिन है कार्तिक पूर्णिमा
पंडित आदित्य नरायण पाण्डेय ने धार्मिक पुस्तकों के हवाले से बताया कि इस दिन दीपदान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं। कार्तिक पूर्णिमा को देवी-देवताओं के उत्सव का दिवस माना जाता है। पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। अगर संभव हो तो भगवान सत्यनारायण की कथा भी जरूर सुनें। शाम के समय तुलसी जी की पूजा करें।प्रति बर्ष बड़े संख्या में श्रद्धालुओं का गंगा स्नान के लिए सतरधाट स्थित नराययनी नदी के तट पर आना होता है मगर अभी तक धाटो पर साफ सफाई की व्यवस्था नहीं की गयी है,धाट पर गंदगी का अंम्बार लगा हुआ है ।
Website Editor :- Neha Kumari