सत्ता पर काबिज पूंजीवाद के मातवर मोदी सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद कर देने की कर रही पुरजोड़ कोशिश : विधायक संदीप

 

 

– मिथिला विश्विद्यालय स्थित आइसा के दो दिवसीय कोनवेंशन में शिरकत करने पहुंचे माले विधायक संदीप ने छात्र विरोधी नीतियों के विरुद्ध कमर कसने का किया अपील

 

पुष्परंजन। जेटी न्यूज।

 

छात्र विरोधी नई शिक्षा नीतिः 2020 को खारिज करने के विषय पर आयोजित आईसा के दो दिवसीय बिहार राज्य परिषद की बैठक मिथिला विश्विद्यालय प्रांगण स्थित नागर्जुन परिसर में हुई। जिसमें आइसा के राष्ट्रीय महासचिव व भाकपा माले के पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने शिरकत किया। कार्यक्रम की शुरुआत विधायक श्री सौरभ ने बाबा साहब अम्बेडकर एवं नागर्जुन के प्रतिमा पर माल्यर्पण कर किया।

मौके पर आयोजित छात्र-युवा कन्वेंशन को संबोधित करते हुए विधायक श्री सौरभ ने कहा कि ने कहा वर्तमान समय में आइसा ने पढ़ाई, कमाई, दवाई जैसे अति महत्वपूर्ण विषयों को राष्ट्रीय अभियान के रूप में चयन किया है। देश में काबिज पूंजीवाद के मातवर मोदी सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद कर देने की पुरजोड़ कोशिस में लगी है। ज्ञान, विज्ञान व तार्किकता पर विश्वास करने वाली केंद्र सरकार मिथ्या को बढ़ावा देने की मंशा में मशगूल है।

सरकार ने देश के शैक्षणिक संस्थानों में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का एक ही स्पष्ट प्रयोजन है निजी संस्थानों को बढ़ावा देंकर स्थापित करना। जो कि उक्त नीति द्वारा सरकार अपने इस मंसूबे को स्कूल तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी तथा सार्वजनिक-परोपकार की साझेदारी का चोंगा ओढ़ने का भी कार्य कर रही है l विधायक श्री सौरभ ने कहा कि कोविड के दौर में भी सरकार ने आपदा को अवसर में बदल कर देश के छात्र-नौजवान व किसान विरोधी क़ानूनों को चोर दरवाजे से लागू किये जा रही है। ऐसे में देश के युवा छात्र नोजवान व गरीब – किसानो इस अंग्रेज जैसी हुकूमत के विरोध में गोलबंद होना परिस्थिति की मांग है।

मिथिला शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ देवनारायण यादव ने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में सिमटे लोगो की हालात मौजूदा सरकार में दूभर हो गई है। युवा छात्र- किसान अपने हकूक की लड़ाई तो लड़ रही है परंतु हकूक के इस लड़ाई को दबाने का षड्यंत्र साजिश तहत भी किया जाता रहा है। हर एक एक कण को सरकार के छात्र युवा जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध गोलबंद होना ही पड़ेगा।

शिक्षाविद्द एवं मिथिला विश्विद्यालय के हिंदी विभाग के प्रधायपक प्रो सुरेंद्र सुमन ने कहा कि सत्ता की गुलामी करने वाली शिक्षा नीति बनाई जा रही है। अंतर मात्र इतना है कि पहले एकलव्य का अंगूठा काटा जाता था ” आज एकलव्य का सर काटा जा रहा है।

माले नेता सह बिजुली पंचायत समिति सदस्य केशरी यादव ने कहा कि हिटलर जैसी कारनामे कर शिक्षण संस्थानों को बर्बाद करने पर मोदी सरकार आमादा हो चुकी है। देश के पुराने कलकारखानों को बर्बाद कर कॉरपोरेट घरानों को बढ़ावा देने को मनबढ़े मोदी सरकार को हम सभी छात्र-नौजवानों एकजुटता के साथ मोदी सरकार के पूंजीवाद राज के खिलाफ गोलबंद होकर आंदोलन कप तेज करना समय की मांग है।

इस मौके पर मिथिला शोध संस्थान पूर्व निदेशक प्रो डॉ देव नारायण यादव, आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार, आइसा राज्य अध्यक्ष मोख्तार, आइसा राज्य सह सचिव पूनम कुमारी, आइसा राज्य कमिटी सदस्य मनीषा कुमारी, कर्मचारी नेता सह आइसा के पूर्व राज्य काउंसिलर डॉ संतोष कुमार यादव, कमल किशोर, आइसा जिलाध्यक्ष प्रिंस राज, विशाल कुमार माझी, सहित सैकड़ो छात्र-नौजवान ने अपने अपने विचार व्यक्त किये। कन्वेंशन कार्यक्रम का संचालन आइसा राज्य सह सचिव संदीप कुमार चौधरी ने किया। वही धन्यवाद ज्ञापन आइसा के राष्ट्रीय काउंसिल सदस्य एवं जिला कार्यकारी सचिव मयंक कुमार यादव ने किया

Website Editor :- Neha Kumari

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