बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थितिअति दयनीय,आवश्यक दवाएं नदारद।

बेतिया।

स्थानीय बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थिति अति दयनीय बन गई है, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता नहीं के बराबर है, सिर्फ इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में, डेक्सोना, पेरासिटामोल, और ऑक्सीजन को छोड़कर कोई आवश्यक दवाई उपलब्ध नहीं है, जिससे रोगी और उनके परिजनों को बाहर के दुकानों से दवाइयां खरीदनी पड़ रही है, बाहर की दुकानों से दवाइयां खरीदने में कई तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं,कभी तो सही दवाइयों पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है ,तो कभी इन दवाइयों का असली है या नकली,इस पर संदेह बना रहता है

बिहार सरकार के द्वारा इस बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल की दुर्दशा को ठीक करने के लिए ₹800 करोड़ की लागत से बनने वाले इस हॉस्पिटल की स्थिति दयनीय नजरआ रही है, यह बहुत शर्म की बात है कि स्थानीय विधायक, सांसद ,बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सभी इसी जिला के रहने वाले हैं ,मगर इन लोगों की लापरवाही से देखभाल नहीं होने के कारणअस्पताल सिर्फ देखने के लिए नाम मात्र रह गया है, इस अस्पताल में रोगियों को जितनी सुविधाएं मिलनी चाहिए वह उपलब्ध नहीं है, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इसी अस्पताल के कर्मियों के द्वारा पता चल रहा है कि अस्पताल में कुछ चुनिंदा दवाइयां ही उपलब्ध है, मगर आवश्यक दवाइयां की उपलब्धता नहीं है, जो रोगियों और उनके परिजनों को बाहर से दवाई खरीदने पर मजबूरी बन रही है।इसी जिले के विधायक ,रेनू देवी जो बिहार सरकार के, उपमुख्यमंत्री के पद को सुशोभित कर रही हैं,इनका भी कोई दिलचस्पी इस अस्पताल के प्रति नहीं रहने के कारण, कोई सही भूमिका नहीं हो रही है, इसके अलावा,स्थानीय सांसद, संजय जयसवाल,जो भाजपा के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष हैं, वह भी इसी जिला के हैं, और स्थानीय सांसद भी हैं ,मगर उनका भी इस बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल की दुर्दशा सुधारने में कोई अहम भूमिका नहीं हो रही है,जबकि इनका मूल घर इसी बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बगल में ही अवस्थित है,इन्हीं सब कारणों को लेकर, स्थानीय लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है , अगर इस बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल की दिशा व दशा में सुधार नहीं हुआ तो संभव है कि निकट भविष्य में, स्थानीय लोगों के द्वारा एक बहुत बड़ी घटना होने की संभावना व्यक्त की जा रही है,वैसे देखा जाए तो, प्रतिदिन इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में, रोगियों और उनके परिजनों के द्वारा अस्पताल कर्मी, नर्स और डॉक्टरों से मारपीट, गाली-गलौज,लड़ाई झगड़ा के चलते अस्पताल के स्मानों की तोड़फोड़, नुकसान पहुंचाना आम बात बन गई है, और यह प्रतिदिन की नियति बन गई है, साथ ही स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है कि सरकार के द्वारा इतनी बड़ी लागत से बनने वाली बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल नाम मात्र रह गया है, और सरकार के द्वारा खर्च की गई इतनी बड़ी राशि पानी में बह रही है, जिसका कोई उपयोग नहीं है, इसका कोई लेखा-जोखा आम लोगों की जानकारी हेतु सरकारी पटल पर नहीं मिल रही है,स्थानीय विधायक और सांसद केवल दिखावे के लिए बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आते हैं,और बैठक करके ,खबर का प्रकाशन स्थानीय समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों के माध्यम से दिखाकर अपनी जिम्मेवारी से बचने का काम करते हैं,और दैनिक समाचार पत्रों के हेडिंग बनकर सुर्खियां बटोर रहे हैं,साथ ही दैनिक समाचार पत्रों, टीवी चैनलों का शोभा बढ़ा रहे हैं।

Edited By :- savita maurya

 

Related Articles

Back to top button