25 जनवरी की बजाए महात्मा गांधी शहादात दिवस यानि 30 जनवर को महागठबंधन के आह्वान पर पूरे बिहार में मानव शृंखला का आयोजन होगा।
जेटी न्यूज।
बेतिया/पश्चिम चम्पारण:- 12 जनवरी 2021 को तीनों कृषि कानून, बिजली बिल 2020 को रद्द करने, सभी किसानों, बाटाईदार किसानों के धान MSP पर यानी 1888 रूपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदने की गारंटी और गन्ना का 400 रूपये प्रति क्विंटल मूल्य घोषित करने, गन्ना का बकाया का भुगतान करने की मांग पर आज सातवें दिन भी जिला समाहरणालय गेट पर अनिश्चित कालीन धरना जारी रहा।
धरना को संबोधित करते हुए भाकपा-माले सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि आदिवासियों की ज़मीन और उनके पहाड़ और नदियाँ बड़ी-बड़ी कम्पनियों को दिये जाने के बाद बाटाईदार किसानों सहित धनी किसानों की जमीन छीनकर कंपनियों को देने के लिए तमाम विरोध के बावजूद मोदी सरकार तीनों कृषि कानून बना दिया है। देश भर में ऐतिहासिक किसान आंदोलन हो रहे हैं, एक ही मांग है कि तीनों कृषि कानून को रद्द किया जाय, मगर मोदी सरकार इंकार कर रहे हैं, आगे कहा कि जो आज किसानों के साथ हो रहा है या होने जा रहा है वह आदिवासियों के साथ बहुत पहले से शुरू हो गया था।
बस्तर में नक्सली और माओवादी क्या कर रहे हैं, क्यों लड़ रहे हैं ? वे लड़ रहे हैं क्योंकि वहां आदिवासियों की ज़मीन और उनके पहाड़ और नदियाँ बड़ी-बड़ी कम्पनियों को दिये जा रहे हैं. उनके घर जला दिये गये. उन्हें अपने ही गाँवों से बाहर निकाल दिया गया. गाँव के गाँव खत्म कर दिये गये. अब वे बड़े किसानों बटाईदार किसानों के साथ भी वही खेल खेलने जा रहे हैं. आज इस आन्दोलन में देश भर के किसान भी शामिल है और मजदूर भी. इस आन्दोलन ने देश को एकता का अर्थ समझा दिया है।।
Website Editor :- Neha Kumari