बच्चों का भविष्य बनाने वाले शिक्षकों का जीवन अधर में कोचिंग संचालको की बैठक

बच्चों का भविष्य बनाने वाले शिक्षकों का जीवन अधर में कोचिंग संचालको की बैठक

जेटी न्यूज़

समस्तीपुर/ताजपुर: कोरोना महामारी को लेकर सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थानों को बंद किये जाने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। वहीं निजी कोचिंग संचालकों का जीवन अधर में लटक गया है।जिसको लेकर ताजपुर में एक निजी कोचिंग परिसर में रणधीर कुमार की अध्यक्षता में कोचिंग संचालकों की बैठक हुई।बैठक में उपस्थित कोचिंग संचालकों ने सरकार से ये गुहार लगाई है की सरकार उनके और उनके परिवार वालों के जीवन के बारे में भी सोचें शिक्षकों का ये कहना था की जब सब कुछ चलाए जा रहें हैं तो फिर शिक्षण संस्थानों पर ताला क्यों?जो शिक्षक समाज को दिशा देने का काम कर रहे हैं।उनके प्रति उदासीनत क्यों है। सरकार कोचिंग चलाने के लिए नए गाइड लाइन जारी करते हुए संस्थाओं के खोलने के आदेश देने की मांग की है।प्रतिष्ठित संस्था सफलता साइंस कोचिंग के चेयरमैन ने कहा कि प्राइवेट शिक्षक पिछले साल कोरोना की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे हैं।

अगर इसी तरह से लॉक डाउन जारी रह गया तो प्राइवेट शिक्षकों को अपना घर परिवार चलाना मुश्किल हो सकता है।इन शिक्षकों के लिए बेरोजगारी भत्ता और प्रति महीने निश्चित भरण पोषण के लिए कदम उठाएं जाने की मांग की है। वही रीयल आर्ट कोचिंग के निदेशक दीपक कुमार का कहना है सरकार प्राइवेट स्कूल तथा कोचिंग संस्थान चला रहे लोगों का किराया की राशि का भुगतान करें।ताकि शिक्षक आगे दिन कोचिंग स्कूल चला सके।बच्चों के भविष्य निर्माण कर रहे शिक्षकों को मजबूरन शिक्षण कार्य छोड़ कर मजदूरी करने पर मजबूर न करें। सरकार इस पर पुनर्विचार करे और सभी शिक्षण संस्थान को कोरोना वायरस गाइडलाइन का पालन करते हुए खोलने का आदेश देने की मांग की है।मौके पर विभिन्न कोचिंग संस्थानों से। रंधीर कुमार,मोहित झा, एम आलम, रंजन कुमार,पंकज कुमार,एस कुमार चंद्र सोहन कुमार, एस करीम, आसिफ इकबाल, उमाशंकर,पवन कुमार आदि

अवस्थित थे।

Website editor :- savita maurya

Related Articles

Back to top button