विदेशी निवेशक लगा रहे तेज ग्रोथ वाली मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों पर दांव

Foreign Portfolio Investment (FPI) - Overview, Benefits and Risks
फंड मैनेजर्स चुनिंदा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी पैसा डाला है. बीते दो सालों में इस शेयर ने अच्छी तेजी दिखाई है, मगर एफपीआई को इन शेयरों में अधिक ग्रोथ की उम्मीद है

दलाल स्ट्रीटः वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड 2.73 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया. इसमें से ज्यादातर पैसा लार्जकैप शेयरों में गया. बीते दो सालों में इस शेयर ने अच्छी तेजी दिखाई है, मगर एफपीआई को इन शेयरों में अधिक ग्रोथ की उम्मीद है.

हालांकि, फंड मैनेजर्स चुनिंदा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी पैसा डाला है. बीती चार तिमाही में विदेशी निवेशकों ने नियमित रूप से 30 मिडकैप और 20 स्मॉलकैप शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.

मसलन, इंडियामार्ट इंटरमेष में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2020-21 में 12.24 फीसदी से 15.41 फीसदी तक पहुंच गई. श्रीकलाहस्ती पाइप्स में एफपीआई की हिस्सेदारी 5 फीसदी से 17.86 फीसदी तक पहुंच गई.

विदशी निवेशकों ने डिक्सन टेक्नोलॉजीज, ऑफल इंडिया, आवास फाइनेंसर्स, जीएमएम फॉडलर, पॉली मेडिक्योर जैसी मिडकैप कंपनियों में भी हिस्सेदारी बढ़ाई है. स्मॉलकैप शेयरों में एफपीआई की दिलचस्पी टीसीएनएस क्लोदिंग, टूरिज्म फाइनेंस कॉर्प, अरमान फाइनेंशियल, सेशासाई पेपर और एचएसआई में बढ़ी है.

(सौजन्यः इकोनोमिक टाईम्स)

संपादिकृतः ठाकुर वरूण कुमार

Related Articles

Back to top button