बेतिया जीएमसीएच में नो इंट्री होने पर ,मरीजो को अब रोड पर ही ऑक्सीजन लगाने की बनी मजबूरी, रोगियों की बन रही है दुर्गति।

बेतिया।

इन दिनों जीएमसीएच बेतिया में, नो इंट्री,नो बेड का बोर्ड लगा देने के कारण, शहर में, ज़िंदगी हर रोज़ क्या-क्या रंग दिखा रही है, जहां सांस लेना भी बहुत से लोगों के लिए ख़ुशकिस्मती की बात हो गई है,मरीज़ मर रहे हैं, क्योंकि ऑक्सीजन नहीं है, दवाइयां नहीं मिल रही हैं,साथ में कालाबाजारी व जमाख़ोरी का बाजार गर्म है, लोग घबराहट में उच्च एवन मुंह मांगे दामों पर ख़रीदने पर मजबूर हो रहे हैं ,ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हम ,जीवनऔर मृत्यु से युद्ध लड़ रहे है। बिहार सरकार एवन जिला प्रशासन के द्वारा घोषित किए गए सभी नियमों एवं उपलब्धियों की केवल खानापूर्ति हो रही है ,हकीकत में मामला दूसरा ही नजर आ रहा है, जिला प्रशासन के द्वारा बेतिया एमजेके अस्पताल की स्थिति में दिन प्रतिदिन सुधारने की डपोरसंख्यई घोषणा की जा रही है, जो दैनिक समाचार पत्रों की शोभा बढ़ा रही हैं,मगर वस्तुस्थिति इसके विपरीत है, अस्पताल के अंदर किसी प्रकार की कोई सुविधा आसानी से मिलने का नाम नहीं ले रही है ,इसके विपरीत जीएमसीएच बेतिया में नो एंट्री का बोर्ड लग जाने से लोगों के अंदर बेचैनी छा गई है , रोगियों का इलाज ,ऑक्सीजन , दवा,सुई, सड़क के किनारे हो रहा है,साथ में इलाज भी नाम मात्र हो रहा है ,रोगियों के इलाज के लिए कोई बेहतर सुविधा नहीं है, ऑक्ससीजन, दवा, सुई बेड, ,वेंटीलेटर की कालाबाजारी कोविड मरीजों के लिए जान की आफत बन गई है,साथ में आर्थिक शोषण भी हो रही है।

Edited By :- savita maurya

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