पश्चिम बंगाल में जारी चुनावी हिंसा असहिष्णुता और कठोरता की पराकाष्ठा–प्रीति रानी

बाढ़–साहित्यिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना की उर्वर भूमि पश्चिम बंगाल आज चुनाव बाद की हिंसा और आगजनी से कराह रहा है। आमार सोनार बांग्ला आज लहूलुहान है। पश्चिम बंगाल की चारों दिशाओं से क्रंदन की आवाज आ रही है। तृणमूल के विरोधी भाजपा के गरीब कमजोर और दलितों के ऊपर अत्याचार हो रहा है।भाजपा को छोड़ सभी दलों की जुबान बंद है। ऐसा लग रहा है की विपक्ष ने भी घुटने टेक दिए हैं। समाचार पत्रों दूरदर्शन की रिपोर्ट तथा बंगाल से आने वाले लोगों से जो ज्ञात हो रहा है कि वहां जारी चुनावी हिंसा असहिष्णुता और कठोरता की पराकाष्ठा पार कर चुकी है।यह विचार आज भाजपा महिला प्रकोष्ठ की उपाध्यक्ष प्रीति रानी ने व्यक्त किया।उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मांग की कि आप अविलंब हिंसा पर विराम लगवाएं।तथा दोषियों को दंड दें। बेगुनाहों की क्रंदन से शक्तिशाली सत्ता समाप्त हो जाती है। आज बेगुनाह बेचारे मारे जा रहे हैं। उनके घर जलाए जा रहे हैं। उन्हें धमकियां और महिलाओं से दुर्व्यवहार की खबरें हैं।निसंदेह यह लोकतंत्र के लिए अत्यंत घातक और नुकसानदायक है। इस प्रवृत्ति से संपूर्ण समाज का नुकसान हो सकता है।

Edited By :- savita maurya

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