युवक ने युवक को गोली मारकर किया बुरी तरह घायल।

जे टी न्यूज़/ बेतिया।

नगर थाना क्षेत्र के ,बस स्टैंड दुर्गा नगर निवासी ,सुधीर कुमार, उम्र लगभग 20 वर्ष को बाइक सवार अपराधियों ने देर रात गंडक चौक के नजदीक गोली मारकर बुरी तरह जख्मी कर दिया ,घटना को अंजाम देने के बाद बाइक सवार अपराधी न्यू कोलिनी, डाक बंगला रोड होते हुए फरार हो गए, घायल के परिजन ने घायल स्थिति में युवक को जीएमसीएच ले गए ,जहां चिकित्सक के नहीं रहने पर घंटों इंतजार करना के बाद, परिजन हंगामा करने लगे, घायल के पहुंचने के 2 घंटे के बाद तक इमरजेंसी में कोई चिकित्सक नहीं पहुंचा था, नगर थाना पुलिस को हंगामे की सूचना मिलने पर,नगर थाना पुलिस पूरे दल बल के साथ हॉस्पिटल पहुंची,नगर थाना अध्यक्ष ,राकेश कुमार भास्कर ने संवाददाताओं को बताया कि सुधीर कुमार को कमर के निचले हिस्से में पीठ की तरफ से गोली लगी है, घटना में शामिल अपराधियों की पहचान कर ली गई है ,उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दो तीन अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है,

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुधीर कुमार अपने परिजन के साथ बाइक पर पीछे बैठकर शहर से न्यू कॉलोनी के रास्ते घर लौट रहा था, तभी पीछे से दो बाइक पर सवार ,चार अपराधी पहुंच गए,अपराधियों ने तबातोड़ गोली चलाई, लोगी लगने पर , युवक घटना स्थल पर ही गिर गया, चारों बाइक सवार अपराधी, बाइक को तेजी से घुमा कर फरार हो गए ,सूचना पर,परिजन,घायल सुधीर को उठाकर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पतालइलाज हेतु पहुंचे ,लगभग 7:00 बजे से लेकर 8:30 बजे तक कोई डॉक्टर उपस्थित नहीं था, इस पर घायल के परिजन हंगामा करने लगे, हंगामा की सूचना पुलिस को मिलने पर, नगर थाना पुलिस पहुंचकर मामला को शांत कराया ,तब जाकर डॉक्टर ने आकर घायल को का इलाज करना शुरू किया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया की स्थिति अति दयनीय है ,मरीजों के इलाज करने के लिए चिकित्सक और अस्पताल कर्मी हमेशा गायब रहते हैं, जिससे हंगामा, मारपीट, गाली-गलौज,तोड़ फोड़ की स्थिति बन जाती है,इस घटना से संबंधित, घायल को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, उस समय इमरजेंसी वार्ड में न चिकित्सक थे, और ना ही कोई अस्पताल कर्मी मौजूद था जिसके कारण घायल के परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया ,

सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ऐसी स्थिति कब तक रहेगी, चिकित्सकों एवन अस्पताल कर्मियों की लापरवाही और ड्यूटी पर उपस्थित नहीं रहने के कारण ही कई मरीज दम तोड़ रहे हैं, जिला प्रशासन भी मूकदर्शक बना रहता है अस्पताल प्रशासन को ऐसी घटनाओं से तो कुछ लेना-देना है ही नहीं, अस्पताल प्रशासन के सामने ऐसी घटनाएं प्रतिदिन घट रही हैं,घटना घटने की यह नियति रोजाना की है, मगर चिकित्सकों और अस्पताल कर्मियों पर,अस्पताल प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हो रही है ,जिससे आम जनों में काफी रोष व्याप्त है, अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो आमजन मजबूर होकर इस सरकारी अस्पताल को बंद करने पर मजबूर होंगे।

 

जिला पदाधिकारी केवल दिखावे के नियत से औचक निरीक्षण करते हैं ,और केवल लंबी लंबी बातें करते हैं, की शोभा बड़ा रहे हैंसाथ ही दैनिक समाचार पत्रों की शोभा बढ़ा रहे हैं, मगर जिला प्रशासन का भी कोई इस अस्पताल प्रशासन पर नियंत्रण नहीं है,इनका बात मानने वाला कोई डॉक्टर, अस्पताल कर्मी, अस्पताल प्रशासन नहीं है, इनके सभी आदेशों को ताक पर रखकर अस्पताल प्रशासन और चिकित्सक ,अस्पताल कर्मी ,काम कर रहे हैं ,इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो स्थिति इतनी विस्फोटक व भयानक हो जाएगी कि इसपर नियंत्रण करना संभव नहीं हो पाएगा।

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