बेतिया नगर निगम बना घपलों व घोटालों काअड्डा,सफाई व विकास के नाम पर लाखों का हुआ वारा न्यारा, नगर आयुक्त खामोश।

शहाबुद्दीन अहमद/

बेतिया।

बेतिया नगर निगम में,लाखों- लाख रूपयों की घपला व घोटाला का कोई ऑडिट होने का नाम नहीं है, विगत वर्षों में इस कार्यालय के ऑडिट हुए थे, जिसमें बहुत सारी घपला व घोटाला उजागर हुआ था,इस संबंध में, कई नगर परिषद कर्मियों पर प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी,मगर इनलोगों पर ,पदाधिकारियों की मिलीभगत होने से, करवाई नहीं हो सकी, नतीजा ढाक के तीन पात वाली कहानी चरितार्थ हुई,सफाई व विकास के नाम पर की गई राशि की निकासी में अनेकों प्रकार के गड़बड़ियां पाई गई हैं, इन सभी गड़बड़ियों का खुलासा, ऑडिटर के द्वारा ऑडिट करने के बाद ही पता चल सका ,इसमें कई नगर परिषद कर्मी, कनीय अभियंता, तहसीलदार, कर संग्राहक, कर दरोगा की संलिप्तता उजागर हुई थी, इन लोगों पर नगर परिषद की राशि गबन करने के आरोप में, प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी, मगर उच्च पदाधिकारियों के हस्तक्षेप से यह सारे मामले ठंडे बस्ते में पड़ गए ,और राशि गबन करने वाले कर्मियों पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हो सकी, और ना ही इन गबन करने वाले कर्मियों से गबन की राशि भी नहीं वसूली जा सकी, इस तरह देखा जाए तो इसके पूर्व में भी, इस बेतिया नगर परिषद के कर्मियों के द्वारा लाखों – लाख रुपए की राशि गबन की जा चुकी है, मगर संबंधित पदाधिकारियों की लापरवाही कहा जाए या कमीशन खोरी ने इस पर ध्यान नहीं दिया जा सका, वैसे इस बेतिया नगर परिषद की यह परंपरा रही है कि जो भी पुराने या नए कर्मी का योगदान होता है ,वह गबन करने में माहिर होते हैं ,इतना ही नहीं, नियुक्ति के मामला हो ,या वेतन भुगतान का मामला,या पेंशन व ग्रेच्युटी, छुट्टी स्वीकृति का मामला,या कर्मियों की सेवा पुस्तिका संधारण का मामला हो, सभी मामले में गबन करने की प्रवृत्ति प्रारंभ से ही चली आ रही है, और इसमें कई लोगों का हाथ रहता है, मगर यह सभी गबन में संलिप्त कर्मी, पदाधिकारियों की चापलूसी और उनकी खिदमतगारी में लगने के कारण कोई कार्यवाही अभी तक इन लोगों पर नहीं हो सकी है, जिससे इस नगर परिषद में कार्यरत कर्मियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है, तथा राशि गबन करने का मामला चरम सीमा पर पहुंच गया हैं। बेतिया नगर परिषद कार्यालय का ,ऑडिटर के द्वारा विगत वर्षों में ऑडिट किया गया था, जिसमें कई तरह के गड़बड़ियां उजागर हुई थी, मगर वह ऑडिट रिपोर्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, और अभी तक उसकी करवाई का कोई लेखा-जोखा नजर नहीं आ रहा है। इस भ्रष्ट युग में सभी तरह की गड़बड़ियां पच जाती हैं,क्योंकि संबंधित पदाधिकारियों का भी भागीदारी इसमें निहित रहती है, अब जरूरत इस बात की है कि, इस बेतिया नगर परिषद कार्यालय का ऑडिट, केंद्र सरकार के ऑडिट विभाग या केंद्रीय अन्वेषण विभाग के द्वारा कराने से ही वस्तुस्थिति सामने आएगी, और जिन कर्मियों के द्वारा लाखों -लाख का घोटाला व गबन किया गया है, इन लोगों को सलाखों के पीछे डाल कर ही , न्याय संगत कार्रवाई हो सकती है।

Edited by :- savita maurya

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