5 जून को किसानों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

रवीश कुमार मिश्रा 

बेतिया। बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त मंत्री प्रभुराज नारायण राव तथा पश्चिम चंपारण किसान सभा के जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव ने कहा की संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 5 जून को बिहार के सभी जिलों में सरकारी कार्यालयों पर और शहर के मुख्य चौराहों पर प्रदर्शन किया जाएगा। पिछले 2020 के 5 जून को मोदी सरकार ने किसान विरोधी तीनों काले बिल को विधेयक के रुप में पारित किया था । जिसका पूरा 1 साल 5 जून को हो रहा है ।

         6 महीने से दिल्ली के सभी बॉर्डर पर लाखों की संख्या में किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को पूर्ण रूप से वापसी तथा एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने के लिए धरना पर बैठे हुए लाखों की तादाद में 6 महीने से चल रहा धरना दुनिया में एक ऐतिहासिक मिशाल बनता जा रहा है

         ज्ञातव्य है की 5 जून 1974 को देश की अधिनायक वादी शासन व्यवस्था के खिलाफ पटने के गांधी मैदान की ऐतिहासिक सभा में जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का बिगुल फूंका था । वह जन आंदोलन देश के लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करते हुए आगे चल रहा था । उसी रास्ते पर यह आंदोलन देश के किसान मजदूर , गरीब , नौजवान , छात्र के खुशहाल शासन व्यवस्था की कल्पना लेकर संघर्ष में लोग शामिल होते जा रहे हैं । यह जन आंदोलन एक नई शासन व्यवस्था को जन्म देगा । 

         ठीक उसी रास्ते पर देश का किसान आंदोलन देश की जनता के सभी तबकों को लेकर कारपोरेट परस्त नीतियों से देश की जनता को मुक्ति दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है । यह किसान आंदोलन धीरे धीरे जन आंदोलन का शक्ल ले रहा है और निश्चित रूप से इतिहास के पन्नों को देखते हुए जनतांत्रिक प्रक्रिया के तहत संविधान की रक्षा के साथ-साथ देश की जनता को एक सूत्र में बांध कर इस संप्रदायिक तथा कारपोरेट परस्त सरकार से देश की जनता को मुक्ति दिलाने में सफल होगी।।

Edited By :- savita maurya 

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