मोदी सरकार का एम एस पी किसानों के साथ धोखा है

जेटी न्यूज,बेतिया-:बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि 9 जून को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा खरीफ फसलों पर निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य एम एस पी एक बार फिर किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है । जहां उन्होंने धान का एम एस पी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2021 के लिए 1940 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है । जो 2020 के एम एस पी 1868 रुपए से 72 रुपए ज्यादा है । यानी 3.8% ज्यादा है । जबकि महंगाई बेतहाशा बढ़ी है । 6 जून 2020 में जहां पेट्रोल का दाम 71 रुपए प्रति लीटर था । वह 6 जून 2021 में 95 रुपए लीटर हो गया। यानी 33% की बढ़ोतरी एक साल में तथा डीजल का दाम 69 रुपए लीटर से 85 रुपए लीटर , यानी 23% की वृद्धि एक साल में हुई । जिसके चलते खेत की जोताई के दर में भारी वृद्धि हो गई । खाद और बीज के दाम बढ़ गए । काला बाजारी भी धड़ल्ले से चल रही है।

खाद उत्पादक कंपनियों ने 12 सौ रूपये बोरी की कीमत में 7 सौ रुपए की बढ़ोतरी कर 19 सौ रूपये 50 किलो की बोरी कर दिया । जिसे कम करने की केंद्र सरकार ने कोई प्रयास नहीं कर उतने रुपए अनुदान के रूप में खाद कंपनियों को दे दिया । जबकि धान की कीमत स्वामीनाथन आयोग के अनुशंसा के आधार पर लागत का डेढ़ गुणा देना था । जिसमें मात्र 3.8% की वृद्धि कर 52% की वृद्धि की ढिढोरा मोदी सरकार पीट रही है । ठीक उसी तरह मक्का के दाम में 1850 से 1870 यानी 20 रुपए की वृद्धि का मतलब 1% की बढ़ोतरी हुई ।

2021 में गेहूं की कीमत 1975 रुपए मोदी सरकार द्वारा निर्धारित हुआ । वह भी बिहार के 90% किसानों को नहीं मिला । 9 जून के हिंदुस्तान को देखने से पता चलता है कि 2018 में बिहार में गेहूं की खरीदारी 24 हजार टन हुई । 2019 गेहूं की खरीदारी 3.50 हजार टन हुई । 2020 में गेहूं की खरीदारी 4.50 टन हुई । जबकि 2021 में अप्रत्याशित रूप से गेहूं की खरीदारी 2.53 लाख टन हो चुकी है और 30 जून तक 7 लाख टन की खरीदारी का लक्ष्य है ।

श्री राव ने खरीफ पर केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर द्वारा एम एस पी में 52% की बढ़ोतरी जैसे झूठ बातों पर कड़ा एतराज बतलाया । तो 2.53 लाख टन गेहूं की खरीदारी की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए किसान आन्दोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है।।

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