मुमताज महल एवं लक्ष्मीबाई का जीवन दर्शन नारी सशक्तिकरण का नमूना।

जे टी न्यूज़,बेतिया-: सचिव डॉ0 एजाज अहमद अधिवक्ता सुरेश कुमारअग्रवाल ने भारत के महान शासक शाहजहां की पत्नी मल्लिका मुमताज महल एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई को विजुअल कार्यक्रम के माध्यम से श्रद्धांजलिअर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन मल्लिका मुमताज महल का लगभग 38 वर्ष की अल्पायु में 17 जून १६३१ ई0 एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम1857 की वीरांगना लक्ष्मीबाई का 17 जून 1858 को रणभूमि में निधन हुआ था। इनका सारा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। इन लोगों का जीवन नारी सशक्तिकरण का नमूना है, मल्लिका मुमताज महल एवं रानी लक्ष्मीबाई का जीवन दर्शन से सबक लेने की आवश्यकता है। इस अवसर पर, डॉ एजाज अहमद, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने विश्व के बालिकाओं से आह्वान करते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई एवं मुमताज महल के जीवन दर्शन से उन्हें प्रेरणा लेने की आवश्यकता है,

ताकि विश्व के नारियों के जीवन को और भी सरल एवं सुलह बनाया जा सके।आरंभ से ही समाज के निर्माण में नारियों का अतुल्य योगदान रहा है कभी पुत्री के रूप में कभी बहन के रूप में कभी पत्नी के रूप में एवं कभी मां के रूप में नारी ने विभिन्न रूपों में देश समाज एवं विश्व को नई दिशा प्रदान की है। अपने प्राणों की आहुतिआज ही के दिन17 जून1857 को दी थी इस अवसर पर डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल, डॉक्टर शाहनवाज अली,अमित कुमार लोहिया ने कहा कि मुमताज महल व रानी लक्ष्मीबाई के जीवन दर्शन को निश्चित रूप से स्कूलों एवं विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि नई पीढ़ी अपने पुरखों के योगदान एवं बलिदान को जान सके।

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