*मिथिला की बेटी डॉ. अंकिता के आलेख को सार्क देशों की पत्रिका “बियोंड बॉर्डर्स” में मिला प्रथम स्थान।*

*मिथिला की बेटी डॉ. अंकिता के आलेख को सार्क देशों की पत्रिका “बियोंड बॉर्डर्स” में मिला प्रथम स्थान।*

*● डॉ. अंकिता मूल रूप से बिहार के मिथिला प्रांत अंतर्गत मधुबनी जिला के राजनगर प्रखंड के बड़हरा गाँव निवासी हैं।*

*मधुबनी:- मिथिला की बेटी सह मूल रूप से मधुबनी जिला की निवासी डॉ. अंकिता प्रियदर्शिनी (एम. डी. न्यूरो-साइकियाट्रिस्ट) का हाल ही में सार्क देश की पत्रिका “बियोंड बॉर्डर्स” में उनके द्वारा लिखित लेख को प्रथम स्थान मिला है, जिसमें भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव के कारण उत्पन्न बिमारियों से निजात, निष्कर्ष व सामाधान से जुड़े लेख को सराहा जा रहा है। डॉ. अंकिता का लेख आज के समय में मानसिक तनाव और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उल्लेखित है। आज कल के बच्चों के स्वभाव में जिद्द व विफलता से उभरने की क्षमता कम पाई जाती है। इसी कारणवश उनमें मानसिक तनाव, घबराहट, चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है। इस लेख में डॉ. अंकिता द्वारा मनोबल बढ़ाने के कई तथ्य व सुझाव दिए और उन्हें अपने जीवन में प्रयोग करने के लिए जागरूक किया। ये पत्रिका कलकत्ता में हुए विश्व मनोचिकित्सक संघ की क्षेत्रीय कांग्रेस में प्रकाशित हुआ जिसमें डॉ. अंकिता प्रियदर्शिनी के लेख को सराहना मिली एवम पत्रिका “बियोंड बॉर्डर्स” जो सार्क देशों की तरफ से प्रकशित होती है, उसमें प्रथम क्रमांक में प्रकाशित की गई।*


*इस बाबत डॉ. अंकिता बताती हैं कि आज कल भाग-दौड़ भरी जिंदगी, गलत रहन-सहन और रोजमर्रा के खान-पान, बदलते स्वभाव के कारण मानसिक तनाव के साथ-साथ कई तरह की बिमारियों का शरीर घर बन जाता है । इसे शुरूआत में ही जड़ से मिटा देना चाहिए नहीं तो यह आने वाले पीढ़ी दर पीढ़ी पर असर छोड़ती है। साथ ही उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि सबसे पहले यह तय करें कि अपने मानसिक स्वास्थ्य को झेलने के बजाय सुनियोजित तरीके से सुधार करना चाहिए, बीमारी को छुपाने व अनदेखा करने के बजाए उचित परामर्श लेना चाहिए, तनावपूर्ण स्थितियों को बेहतर तरीके से संभालना चाहिए, भावनात्मक आराम प्रदान करने वाले करीबी दोस्त या परिवार के सम्पर्क में रहना चाहिए, अपनी क्षमताओं पर विश्वास बनाए रखना चाहिए और हर हाल में अपने आपको लचीलापन बनाए रखना चाहिए, इत्यादि बातों को अपने जीवन में ढ़ालना होगा।*


*गौरतलब है कि डॉ. अंकिता मूल रूप से बिहार के मिथिला प्रांत अंतर्गत मधुबनी जिला के राजनगर प्रखंड के बड़हरा ग्राम के श्री एस. के. मिश्रा हैं जो खेतान कंपनी, नई दिल्ली में जीएम थे जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। और दादा श्री प्रबोध मिश्रा मधुबनी जिला के प्रख्यात शिक्षाविद रहे हैं जो कि श्री लीलाधर उच्च विद्यालय बेनीपट्टी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। डॉ. अंकिता का पालन-पोषण दिल्ली में हुआ है व उनकी स्कूली शिक्षा राजधानी नई दिल्ली के बाराखंभा रोड स्थित प्रसिद्ध मॉडर्न स्कूल, से हुई। तदोपरांत उन्होंने एम.डी. न्यूरो-साइकियाट्रिस्ट की उपाधि हासिल की, फिर शैक्षणिक सफलता के बाद पेशेवर समाज सेवा की शुरुआत आईटी हब बंगलुरू से करते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गुरुग्राम आई और अब बहुत जल्द एक प्रतिष्ठित संस्थान – थ्राइविंग माइंड्स, देहरादून से जुड़ कर अपने समाज को मानसिक व व्यसन (एडिक्शन) रोग से निजात दिलाएगी।*
*इस मौके पर दरभंगा सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर, मधुबनी सांसद डॉ. अशोक यादव, बेनीपुर विधायक डॉ. विनय कुमार चौधरी, राजनगर विधायक डॉ. रामप्रीत पासवान, बेनीपट्टी विधायक सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा, झंझारपुर विधायक सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा, विधानपार्षद घनश्याम ठाकुर, टीम आरसीपी के प्रफुल्ल कुमार ठाकुर, महारानी कल्याणी महाविद्यालय, लहेरियासराय के प्रधानाचार्य प्रो. मो. रहमतुल्लाह व शिक्षक डॉ. चंदन ठाकुर, भाजपा मधुबनी जिलाध्यक्ष शंकर झा, मधुबनी कांग्रेस जिला महासचिव ज्योति झा, मधुबनी जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष सतीश चंद्र मिश्रा, वीर कुंवर सिंह मंच के प्रदेश संयोजक देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मुन्ना चौधरी, समाजसेवी नुनू ठाकुर व मधुबनी बुद्धजीवी मंच के जिलाध्यक्ष डॉ. इंद्रमोहन झा ने उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई सह शुभकामनाएं प्रेषित किया है।*

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