सृष्टि की आदि शक्ति हैं माँ कूष्माण्डा

जेटी न्युज
मोतिहारी।पु0च0
वासंतिक (चैत्र) नवरात्र पूजन के चौथे दिन आज शुक्रवार को भक्तजन माँ दुर्गा के चौथे स्वरूप माता कूष्माण्डा देवी की पूजा-अर्चना करेंगे।जानकारी देते हुए महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने कहा कि भगवती दुर्गा के चौथे स्वरूप का नाम कूष्माण्डा है। नवरात्र पूजन के चौथे दिन कूष्माण्डा देवी के स्वरूप की ही उपासना की जाती है। अपनी मंद मंद हँसी द्वारा ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण ये कूष्माण्डा देवी के नाम से विख्यात हैं। जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था,चारों ओर अन्धकार ही अन्धकार व्याप्त था,तब इन्हीं देवी ने ब्रम्हाण्ड की रचना की थी।

 

अतः यही सृष्टि की आदि स्वरूपा एवं आदि शक्ति हैं।उन्होंने ने बताया कि माँ कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक विनष्ट हो जाते हैं। इनकी आराधना से आयु,यश,बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। इनकी उपासना मनुष्य को सहज भाव से भवसागर से पार उतारने के लिए सर्वाधिक सुगम और श्रेयस्कर मार्ग है। माता कूष्माण्डा की उपासना भक्तों को आधियों-व्याधियों से सर्वथा विमुक्त करके उसे सुख,समृद्धि और उन्नति की ओर ले जाने वाली है।

Related Articles

Back to top button