आजादी के 73 साल बीत जाने के बाद भी नहीं बदली रामगढ़वा प्रखंड के आमोदेई पंचायत अंतर्गत नरीरगीर गांव के सड़क की सूरत

रामगढ़वा पूर्वी चंपारण- : प्रखंड क्षेत्र के आमोदेई पंचायत अंतर्गत नरीरगीर गांव के लोग आजादी के 73-74 साल बीत जाने के बाद भी नरकीय जीवन जीने को विवश हैं। क्योंकि इस गांव के सड़क का निर्माण अभी तक न तो सरकार के द्वारा कराया गया और न किसी जनप्रतिनिधि के द्वारा। जिसके कारण थोड़ी सी भी बारिश होने पर सड़क पर इतना किचड़ हो जा रहा है कि दो चक्का और चार चक्का की बात तो छोड़िए पैदल चलना भी मुश्किल हो जा रहा है। उस कीचड़ में आए दिन बच्चे से लेकर बुड्ढे तक गिर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस सड़क के किनारे उत्तर दिशा में तालाब है जिसमें लबालब पानी भरा हुआ है। सड़क और तालाब का पानी बराबर दिखाई दे रहा है। एक फीट किसी गाड़ी का चक्का उत्तर दिशा में गया तो तालाब में गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा। और जानमाल की क्षति हो सकती है। जिस पर न तो किसी सरकारी पदाधिकारी का नजर है और न ही किसी जनप्रतिनिधि का। इतना ही नहीं यहां के बच्चे बच्चियों को विद्यालय में पढ़ने तथा कोचिंग करने जाने आने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। इस रास्ते से बचने के लिए लोगों को अधिक दूरी तय करके एनएच 28 ए पर जाना पड़ता है। जबकि एनएच 28 ए की दूरी उस गड्ढे नुमा सड़क से मात्र 200 गज पर स्थित है। इस गांव के सड़क से नरीरगीर, दुबे टोला, शिवनगर सतपीपरा, इनारवा, परसौना मदन, योगवलिया, बैरिया तथा भटवालिया आदि गांव गांव के हजारों लोगों को प्रतिदिन रक्सौल- रामगढ़वा की यात्रा करनी पड़ती है‌। इस गांव की सड़क अभी विकास की रोशनी से कोसों दूर है।

      यहां के ग्रामीण कृष्णा प्रसाद कुशवाहा बताते हैं कि इस क्षेत्र में सिर्फ चुनाव के समय में ही जनप्रतिनिधियों का दर्शन होता है। एक एक आदमी 3-4 बार इस क्षेत्र से विधायक बने बावजूद इसके चार पांच सौ फीट के इस सड़क का निर्माण नहीं कराया गया। जबकि यहां के ग्रामीणों द्वारा इस सड़क के निर्माण को लेकर प्रखंड से लेकर जनप्रतिनिधियों के दरवाजे तक कई बार गुहार लगाई गई। 

      इस बाबत ग्रामीण कृष्णा प्रसाद कुशवाहा, शेषनाथ कुशवाहा तथा मदन साह आदि लोगों ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से स्थानीय राजद विधायक इंजीनियर शशि भूषण सिंह से इस सड़क को पीसीसी कराने की गुहार लगाई है।

Related Articles

Back to top button