मोटरसाइकिल एक्सीडेंट में चार जख्मी, दो की स्थिति चिंताजनक, डंकन व बीरगंज मेडिकल अस्पताल हुए रेफर


जेटी न्यूज

डी एन कुशवाहा

रामगढ़वा पूर्वी चंपारण- प्रखंड क्षेत्र के आमोदेई शोभा टोला के पास एनएच 28 A पर बुधवार की देर संध्या दारु के नशे में एक बाइक चालक ने साइकिल सवार को पीछे से आकर मारी जबरदस्त ठोकर। बाइक से ठोकर इतनी जबरदस्त लगी कि साइकिल सवार 5 फीट ऊपर उड़ गए। दुर्घटना के बाद साइकिल सवार व रामगढ़वा प्रखंड क्षेत्र के बौधा गांव निवासी बद्री पासवान के 45 वर्षीय पुत्र दिनेश पासवान घटनास्थल पर ही लहूलुहान व अचेत हो गए। वही शराब के नशे में रक्सौल से आ रहे बाइक सवार व अमोदेई गांव निवासी स्वर्गीय सेख मनसूर के 35 वर्षीय पुत्र शेख पुन्ना ने ठोकर मारते ही लहूलुहान व अचेत हो गए। साथ में बाइक पर बैठकर रक्सौल से आ रहे अमोदेई गांव निवासी श्यामलाल राम के पुत्र मोतीलाल राम भी जख्मी हो गए।

उक्त घटना की सूचना तुरंत रामगढ़वा थानाध्यक्ष को दी गई। लेकिन घटना के आधा घंटा – पवन घंटा बाद तक भी पुलिस घटनास्थल नहीं पहुंची। उसके बाद अमोदेई के ग्रामीणों व मौके पर उपस्थित भलुवहिंया गांव निवासी सुरेंद्र कुशवाहा के द्वारा तीनों घायलों को जीप पर लादकर रामगढ़वा बाजार स्थित डॉ रेयाजुल हक के क्लीनिक में लाकर भर्ती कराया गया। जहां से डॉ.रेयाजुल हक के द्वारा उपचारोपरांत मोतीलाल राम को छुट्टी कर दिया गया। वहीं बेहतर उपचार हेतु गंभीर रूप से घायल व अचेता अवस्था के मरीज दिनेश पासवान को मेडिकल अस्पताल बीरगंज तथा शेख पुन्ना को डंकन अस्पताल रक्सौल रेफर कर दिया गया। जहां दोनों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ मुरला गांव में भी एक मोटरसाइकिल एक्सीडेंट हो गया। जिसमें मुरला गांव निवासी व शराब के नशे में धूत 25 वर्षीय संदीप कुमार स्वयं बाइक से गिरकर बुरी तरह जख्मी हो गए। इनका भी उपचारोपरांत चिकित्सक डॉ रेयाजुल हक ने छुट्टी कर दिया।

गौरतलब हो कि बिहार सरकार के द्वारा करोड़ों के राजस्व का नुकसान सहकर वर्षों पूर्व बिहार में मद्दनिषेध कानून लगाया गया ताकि लोग दारु शराब की विनाशकारी बूरी लत को छोड़कर अमन चैन की जिंदगी जीयें और अपने घर परिवार को उजड़ने से बचाकर स्वर्ग का सुख दें एवं भोगें। लेकिन बिहार में मद्दनिषेध कानून का खिस्सा ठाक के तीन पात की तरह हो गया। बिहार के कोने-कोने में इन दिनों चोरी छुपे देसी व विदेशी शराब की बिक्री की जा रही है और आए दिन लोग पी रहे हैं। बिहार में यह शराबबंदी तभी सफल होगा जब लोग मन से ठान लें और पुलिस प्रशासन चौकस रहे। जो बिहार में असंभव लग रहा है।

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