बालह्रदय योजना के तहत 24 बच्चों को आरबीएसके व केयर इंडिया की टीम चिन्हित कर पीएमसीएच भेजा गया

बालह्रदय योजना के तहत 24 बच्चों को आरबीएसके व केयर इंडिया की टीम चिन्हित कर पीएमसीएच भेजा गया

जेटी न्यूज मधुबनी।


मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय पार्ट-2 में शामिल बाल हृदय योजना , जन्मजात दिल में छेद से ग्रसित तथा अन्य बीमारियों से ग्रसित जिले के 24 बच्चों को आरबीएसके व केयर इंडिया के टीम द्वारा चिन्हित कर जांच के लिए गुरुवार देर रात आईजीआईसी पीएमसीएच पटना भेजा गया। बच्चों के साथ उनके अभिभावक के अलावा आरबीएसके के एक आयुष चिकित्सक डॉ सुजीत कुमार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेनीपट्टी, विनय कुमार फार्मासिस्ट, पीएचसी रहिका, शैलेंद्र कुमार फार्मासिस्ट विस्फी को भेजा गया था। टीम द्वारा शुक्रवार को बताया गया कि सभी बच्चों को जांच कर लिया गया है अहमदाबाद की टीम द्वारा बताया गया की सभी बच्चों को बारी-बारी से अहमदाबाद बुलाया जाएगा। इस योजना के तहत मधुबनी जिले के अब तक कई बच्चों की इस योजना के तहत सर्जरी की जा चुकी है। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है।आरबीएसके की टीम गांव-गांव व स्कूलों पर पहुंचकर बच्चों की स्क्रिनिंग करती है। इसी दौरान उस बच्चे को चिन्हित कर इलाज के लिए रेफर किया जाता है।

इन बच्चों को किया गया स्क्रीनिंग के लिए:
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ कमलेश कुमार शर्मा ने बताया आरबीएसके के द्वारा चिन्हित जिले के 24 बच्चे जिसमें बेनीपट्टी प्रखंड के ऋषभ कुमार पिता अरुण यादव, सुंदरम कुमार पिता सुधीर साहू, अंशु कुमारी पिता सुधीर राय। विस्फी से अयात इरफान,पिता मोहम्मद इरफान, अंकुश कुमार पिता यदुवीर कुमार चौपाल। हरलाखी से सलमान अंसारी पिता अब्दुल सलाम अंसारी, इरशाद अंसारी पिता शमीम अंसारी। खजौली प्रेम कुमार पिता राघवेंद्र मल्लिक, उदित कुमार पिता राम कुमार साह, खुटौना प्रखंड के मोहम्मद वसीम पिता मोहम्मद नसीम, रघुनंदन कुमार पिता महावीर साह, लदनिया प्रखंड के सुमन कुमार पिता गणेश यादव, माधवी कुमारी पिता सुरेंद्र गरेरी, कंचन कुमारी पिता रामगुलाम यादव, लखनौर प्रखंड के आदित्य कुमार साह पिता सुनील कुमार साह, लौकही प्रखंड के अश्वनी कुमार पिता शिव कुमार भारती, पंडौल प्रखंड के वैष्णवी कुमारी पिता कमलेश मंडल, रहिका प्रखंड के संजीत कुमार पिता राजू पासवान, आयुष कुमार पिता विनय कुमार, मो. तोहिद पिता मो. तमन्ना। राजनगर प्रखंड के दीपा कुमारी पिता परीक्षण राम, अर्चना कुमारी पिता पप्पू कुमार यादव, आलोक कुमार पिता गनौर राम, अंशु कुमार पिता अशोक कुमार यादव को उचित परामर्श तथा इलाज के लिए आईजीआईसी भेजा गया है।

38 प्रकार की बीमारियों का समुचित इलाज :
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. कमलेश कुमार शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत बच्चों में 38 तरह की बीमारियों की जांच कर उसका समुचित इलाज किया जाता है। इन सभी बीमारियों को चार मूल श्रेणियों में बांटकर इसे 4 डी का नाम दिया गया है। इसके तहत जिन बीमारियों का इलाज होता है उनमें दांत सड़ना, हकलापन, बहरापन, किसी अंग में सून्नापन, गूंगापन,मध्यकर्णशोथ, आमवाती हृदयरोग, प्रतिक्रियाशील हवा से होने वाली बीमारियां, दंत क्षय, ऐंठन विकार, न्यूरल ट्यूब की खराबी, डाउनसिंड्रोम, फटा होठ एवं तालू/सिर्फ़ फटा तालू, मुद्गरपाद (अंदर की ओर मुड़ी हुई पैर की अंगुलियां), असामान्य आकार का कुल्हा, जन्मजात मोतियाबिंद, जन्मजात बहरापन, जन्मजात हृदयरोग, असामयिक दृष्टिपटल विकार आदि शामिल है।
बच्चों को हेल्थ कार्ड भी दिया जाता है:

आरबीएसके कार्यक्रम में 0 शून्य से 18 (अठारह) वर्ष तक के सभी बच्चों की बीमारियों का समुचित इलाज किया जाता है। 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग आंगनबाड़ी केंद्रों में होती है जबकि 6 से 18 साल तक के बच्चों की स्क्रीनिंग उनके स्कूलों में जाकर की जाती। ताकि चिह्नित बीमारियों के समुचित इलाज में देरी न हो। आंगनबाड़ी केंद्रों पर साल में दो बार यानि प्रति 6 महीने पर जबकि स्कूलों में साल में सिर्फ एक बार बच्चों के इलाज के लिए स्क्रीनिंग की जाती है। स्क्रीनिंग करते वक्त बच्चों को हेल्थ कार्ड भी उपलब्ध कराया जाता है।

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