बिहार सरकार शर्म करो, नीति आयोग की रिपोर्ट के आलोक में स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दो:अवधेश कुमार

बिहार सरकार शर्म करो, नीति आयोग की रिपोर्ट के आलोक में स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दो:अवधेश कुमार
जे टी न्यूज़


पटना ::हाल के महीनों में जारी नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार सरकार के विकास संबंधी खोखले दावों की पोल खुल गई है। लेकिन बिहार सरकार अपनी कमजोरियों को दुरूस्त करने के बजाय नीति आयोग द्वारा निर्धारित मानकों पर ही सवाल उठा रही है।

आष्चर्य की बात है केन्द्र एवं राज्य में राजग की सरकारें ही सत्ता में है, उसके बावजूद बिहार सरकार द्वारा केन्द्रीय संस्था की विष्वसनीयता पर सवाल खड़ा करना, बिहार की जनता को जमीनी स्थितियों के बारे में गुमराह करने के अलावे कोई दूसरी बात नहीं है।

बिहार विकास के सभी मानदंडों पर सबसे निचले स्थान पर है। जहाँ तक स्वास्थ्य सेवा का सवाल है, उसकी बदहाली कोविड-महामारी के समय सबके सामने उजागर हो चुकी है। बिहार की आम जनता को पता है कि जिला, रेफरल, स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्रों की हालत क्या है। नीति आयोग की रिपोर्ट ने कोई नया तथ्य नहीं ढूंढा है बल्कि जमीनी सच्चाई को सामने लाया है।

बिहार में 1 लाख के आबादी पर 6 बेड है, डाॅक्टरों, नर्सों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के पद बड़ी संख्या में खाली है। निजी क्लीनिकों का जाल जिलों और कस्बों तक फैला हुआ है जहाँ लोगों को लूटा जाता है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की बिहार राज्य कमिटी सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के अलावे आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था की जाय। वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री तत्काल इस्तीफा दें।

पार्टी सभी जिला कमिटियों एवं स्थानीय इकाइयों सहित आम जनता से अपील करती है कि वे सबों के लिये मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिये अपनी आवाज उठायें।

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