महिलाओं ने श्रद्धा भक्ति के साथ की गोवर्धन पूजा

महिलाओं ने श्रद्धा भक्ति के साथ की गोवर्धन पूजा
जेटी न्यूज

रामगढ़वा पूर्वी चंपारण- प्रखंड क्षेत्र में दिवाली के दूसरे दिन शनिवार को क्षेत्र के महिलाओं ने गोवर्धन पूजा किया। इस अवसर पर महिलाओं ने अपने भाई के लंबी आयु के लिए दुआएं मांगी। इस दिन गोवर्धन पर्वत, गोधन यानि गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इसके साथ ही वरुण देव, इंद्र देव और अग्नि देव आदि देवताओं की पूजा का भी विधान है। गोवर्धन पूजा में विभिन्न प्रकार के अन्न को समर्पित और वितरित किया जाता है, इसी वजह से इस उत्सव या पर्व का नाम अन्नकूट पड़ा है। इस दिन अनेक प्रकार के पकवान, मिठाई से भगवान को भोग लगाया जाता है।

क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा

 

अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई है। इसमें हिन्दू धर्मावलंबी घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ जी की अल्पना बनाकर उनका पूजन करते है। उसके बाद गिरिराज भगवान (पर्वत) को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है।
गोवर्धन पूजा करने के पीछे धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण इंद्र का अभिमान चूर करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुल वासियों की इंद्र से रक्षा की थी। माना जाता है कि इसके बाद भगवान कृष्ण ने स्वंय कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन 56 भोग बनाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आदेश दिया दिया था। तभी से गोवर्धन पूजा की प्रथा आज भी कायम है और हर साल गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का त्योहार मनाया जाता है।


इस दिन खासतौर पर अन्नकूट बनाकर गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन धन दौलत, गाड़ी, अच्छे मकान के लिए कृष्ण जी और मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है, ताकि नौकरी या व्यापार में खूब तरक्की मिल सके।
इस अवसर पर प्रखंड क्षेत्र के भलुवहिया गांव निवासी सरिता कुशवाहा, सीमा देवी, पार्वती देवी तथा घर भरन देवी सहित दर्जनों महिलाओं ने गोवर्धन पूजा की।

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