यूपीएससी परीक्षा में योजनाबद्ध अध्यन के साथ-साथ एकाग्रता बहुत जरूरी

यूपीएससी परीक्षा में योजनाबद्ध अध्यन के साथ-साथ एकाग्रता बहुत जरूरी

शहर के नगर भवन में आयोजित सेमिनार में पहुँचे यूपीएससी के दिग्गज टॉपर,दिए छात्रों को कई टिप्स


जेटीन्यूज़
समस्तीपुर: अगर आपके मन के भीतर सच्ची लग्न हो तो कुछ भी संभव है। बेहतर करने के लिए पढ़ाई में एकाग्रता की जरूरत है। मन में संकल्प लेकर कोई भी मिशन पूरा किया जा सकता है। सिलेबस की बेहतर प्लानिग, स्टडी स्लॉट बनाकर तैयारी और टेक्नोलॉजी से जुड़ाव के साथ ही यूपीएससी में सफलता पाई जा सकती है। उक्त बातें यूपीएससी के इस वर्ष के ऑल इंडिया टॉपर शुभम कुमार ने शहर के नगर भवन में आयोजित सेमिनार में कही।

उन्होंने बताया कि बचपन से ही आइएएस बनने का सपना देखा था। पहले स्कूली शिक्षा पूरी की। फिर आइआइटी से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। कार्यक्रम में यूपीएससी के कई टॉपरों ने जिले के छात्रों को यूपीएससी की तैयारी तथा सफलता के टिप्स दिए। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिविल सर्वेंट्स बिहार एवं झारखंड की ओर से आइएएस परीक्षा की तैयारी कैसे करें को लेकर आयोजित सेमिनार में 800 से अधिक छात्र-छात्रा सम्मिलित हुए। मौके पर एसडीएम आरके दिवाकर, एसडीएम संजीव कुमार, अल्तमश गाजी, राहुल मिश्र, सौरभ कुमार, आदित्य आनंद, विजय कुमार, संतोष कुमार आदि उपस्थित रहे। स्मार्ट वर्क, कड़ी मेहनत, नींव को मजबूत करने की जरूरत :


सातवां रैंक प्राप्त करने वाले प्रवीण कुमार ने बताया कि शिक्षा हमें स्वतंत्रता देती है और हमारे चरित्र का निर्माण करती है। हमें एक ऐसी शिक्षा की जरूरत है जो एक ऐसे इंसान के निर्माण में मदद करें जो हर दूसरे व्यक्ति का सम्मान करें। हम कुछ भी काम करें लेकिन सभी का सम्मान करें।
10वां रैंक पाने वाले सत्यम गांधी ने कहा कि यूपीएससी परीक्षा प्रक्रिया में छात्रों को मूलभूत सिद्धांत समझने की जरूरत है। वह यह कि समर्पण, निरंतरता और कड़ी मेहनत किसी भी चीज से ज्यादा मायने रखती है। समय प्रबंधन पर ध्यान देते हुए हमें पाठ्यक्रम को मासिक और दैनिक लक्ष्यों में विभाजित करते हुए पढ़ाई करनी चाहिए। समय बर्बाद करने से बचते हुए अच्छे सहकर्मी समूह में शामिल होना चाहिए।शहर के काशीपुर निवासी 144 वां रैंक प्राप्त करने वाले प्रशांत किरण ने बताया कि यूपीएससी या किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए समर्पण, ईमानदारी और ²ढ़ता के साथ लक्ष्य की ओर काम करने की जरूरत है। जो छात्र तैयारी शुरू कर रहे हैं, उन्हें अपनी रणनीति तैयार करने के लिए टॉपर की बातों को सुनना चाहिए और उन चीजों का चयन करना चाहिए जो उनके लिए कारगर हों। आइएएस संतोष कुमार ने कहा कि जब वे मिथिला विश्वविद्यालय के सीएम कॉलेज से राजनीति शास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आईएएस बन गए तो कोई भी आइएएस बन सकता है। बस उन्हें खुद पर विश्वास होना चाहिए तथा उनकी अंग्रेजी भी काफी अच्छी होनी चाहिए। ताकि वे दी हिन्दू जैसे अखबार व अन्य स्तरीय सामग्री को अच्छी तरह से पढ़ सके।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एनएसीएस चाहती है कि उन अभ्यर्थियों तक पहुंचे जो समस्तीपुर जैसे छोटे शहरों में रहते है लेकिन फिर भी उनमें आइएएस बनने की ललक है और जज्बा है। टॉपर का सीधा संवाद के माध्यम से उनका मार्गदर्शन करना चाहते है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि आगे भी समस्तीपुर में इस तरह का सेमिनार होता रहेगा।

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