केंद्रीय श्रमिक संगठन और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल और राष्ट्रव्यापी ग्रामीण बंद का आह्वान

केंद्रीय श्रमिक संगठन और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल और राष्ट्रव्यापी ग्रामीण बंद का आह्वान

बंद/हड़ताल किसान, मजदूर, सहित छात्र, युवा, महिला, शिक्षक, वाहन चालक, योजनाकर्मी, पेशेवर, कलाकार, साहित्यकार, और जन-संगठन की एकता और एकजुटता की कार्रवाई

जे टी न्यूज, पटना: पटना के केदार भवन में केन्द्रीय श्रमिक संगठन और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 16 फरवरी 2024 को औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल और राष्ट्रव्यापी ग्रामीण बंद के कार्यान्वयन और समन्वय के लिए एक आम बैठक आयोजित की गई। बैठक में मजदूर और किसान संगठनों के अलावा छात्र, युवा, महिला, सहित अन्य जन-संगठन भी शामिल हुए।

मोदी सरकार की नीतियों ने किसानों और मजदूरों को एक भयानक त्रासदी में धकेल दिया है। बढ़ती बेरोजगारी, गिरती आय और महंगाई ने श्रमिकों पर कहर ढ़ा दिया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों की आय दोगुनी करने के वादा के सत्ता में आई मोदी सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। निजीकरण और ठेकाकरण की नीतियों ने बेरोज़गारी के संकट को और बढ़ा दिया है। शिक्षा और स्वास्थ्य के बजट में कटौती हुई है। भाजपा सरकार ने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ हमला शुरू कर दिया है।

दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। वन कानून में संशोधन कर आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है। गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई और टैक्स की मार झेल रहे हैं, वहीं बड़े उद्योगपतियों को लाखों करोड़ों की ऋण माफी और कटौती बांटी जा रही है। अच्छे दिन और अमृत काल का अंतहीन प्रचार कर भूख, गरीबी, महंगाई, और बेरोजगारी की वास्तविकता को पर्दे के पीछे छुपाने की कोशिश की जा रही है। स्वतंत्र पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

बैठक में आए सभी संगठनों ने कॉरपोरेट-सांप्रदायिक गठजोड़ वाली मोदी सरकार की मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी, जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी 2024 को औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल और राष्ट्रव्यापी ग्रामीण बंद को एकता और एकजुटता जाहिर किया। विभिन्न वर्गों के बीच एक व्यापक एकता बनाने के लिए बिहार के सभी जिलों में अतिशीघ्र समन्वय बैठक आयोजित की जाएगी। 10 फरवरी को श्रमिक संगठनों के नेतृत्व में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। 12 फरवरी से 15 फरवरी तक सभी जिलों में पर्चा वितरण और नुक्कड़ सभा के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

इस बंद/हड़ताल के माध्यम से एमएसपी की कानूनी गारंटी, चार श्रम संहिताओं को रद्द करना, योजनाकर्मियों को नियमित करना, पुरानी पेंशन स्कीम को पुनः बहाल करना, बिहार में एपीएमसी अधिनियम को बहाल करना, बटाईदार किसानों का निबंधन करना, किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा देना, प्रगतिशील भूमि सुधार को लागू करना, युवाओं को रोजगार देना, निजीकरण को बंद करना, मनरेगा की मजदूरी और कार्यदिवस बढ़ाना, महंगाई पर रोक लगाना, खाद्य सुरक्षा की गारंटी करना, सहित आजीविका के वास्तविक मुद्दों को राष्ट्रीय एजेंडे में वापस लाया जाएगा।

आज की बैठक के माध्यम से मजदूर और किसान संगठनों ने राष्ट्रव्यापी ग्रामीण बंद और औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल की व्यापक सफलता की अपील की। केन्द्रीय श्रमिक संगठन और संयुक्त किसान मोर्चा ने बिहार सरकार से 16 फरवरी को होने वाली परीक्षाओं को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया, जिससे छात्रों को कोई असुविधा न हो।

 

आज की बैठक गणेश शंकर सिंह, गज़नफर नवाब, अजय कुमार, हरदेव ठाकुर, कौशलेन्द्र कुमार, प्रमोद कुमार, अजय चटर्जी, सुधीर कुमार सिंह, अशोक प्रसाद, अनीश कुमार, कुमार बिन्देश्वर सिंह, उमेश सिंह, अशोक प्रसाद सिंह, सोना लाल प्रसाद, नंद किशोर सिंह, इंद्रदेव राय, ऋषि आनंद, पुकार, दिनेश सिंह, अमेरीका महतो, बीजेन्द्र कुमार, रामपुकार मुखिया, गोपाल शर्मा, कांती कुमारी, सुशील उमाराज, प्रशांत सुमन, खुशबू कुमारी, मनोज चन्द्रवंशी, विश्वजीत, देवरत्न प्रसाद, दीपक, कृष्णा देवी, वीणा देवी, कुमार विनीताय, मुन्ना प्रसाद, भोला पासवान, सहित बिहार के प्रमुख मजदूर-किसान, छात्र-युवा, महिला, और जन-संगठन के नेता उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता प्रमोद कुमार और दिनेश सिंह ने की।

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