भोजपुरिया कीर्तन को नई पहचान दी थी फागु बाबा ने: गोप

छपरा बिहार
60 से 90 तक के दशक में पंडित फागु पाण्डेय ने अपनी गायकी और रचना के माध्यम से भोजपुरी के आदर्श कीर्तन शैली को एक नया आयाम दिया था। पौराणिक कथाओं पर आधारित कीर्तन शैली के माध्यम से भोजपुरी को एक नई पहचान दी थी फागु बाबा ने। भगवान् राम और कृष्ण की जीवन वृत से जुड़ी दर्जनों घटनाओं पर आधारित कीर्तन से जनमानस का स्वस्थ मनोरंजन इस कलाकार ने की थी। इनकी कीर्तन शैली को गाने वालों में सुरेन्द्र दूबे, बलिराम तिवारी, अशोक पाण्डेय आदि कलाकारों ने खासा नाम कमा कर फागु बाबा की परम्परा को जिन्दा रखा। उनकी शैली को गाकर टीवी चैनलों पर नाम कमाने वाले गायक मनन गिरि, रामेश्वर गोप आदि बताते हैं कि फागु बाबा की कीर्तन शैली एक उच्च कोटि की शैली है जिसका प्रचार-प्रसार सरकारी स्तर पर होनी चाहिए जिस प्रकार महेन्द्र मिसिर और भिखारी ठाकुर की जयन्ती सरकारी स्तर पर होती है। 80 वर्ष की अवस्था तक भोजपुरी की सेवा करने वाला यह महान कलाकार का 2002 में देहावसान हो गया।

Related Articles

Back to top button