कोटवा से साहेबगंज 27 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण में भारी गड़बड़ी उजागर

कोटवा से साहेबगंज 27 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण में भारी गड़बड़ी उजागर
-56 करोड़ की लागत से बन रहे सड़क का विधायक व विभाग के अधिकारियों ने की जांच-
-ओपीसी के बदले लोकल सीमेंट का हो रहा प्रयोग-
तस्वीर(सड़क निर्माण में गड़बड़ी की जांच करते विधायक व अधिकारी)

जेटी न्यूज़

कोटवा,(पूर्वी चम्पारण ):कोटवा के दिपउ से साहेबगंज तक बन रहे पीडब्लूडी सड़क निर्माण में भारी गड़बड़ी उजागर हुई है। आम लोगों की शिकायत पर गुरुवार को विभाग के अधिकारियों के साथ विधायक ने गहन जांच की। जांच के दौरान मानक में कई तरह के घालमेल का खुलासा हुआ। उक्त सड़क 56 करोड़ की लागत से 27 किमी तक बनाई जानी है। सड़क को चौड़ाकर 18 फुट बनाना है। निर्माण कार्य गोपालगंज के सोना इंजिकान प्राइवेट लिमिटेड नामक एजेंसी कर रही है। जांच के दौरान यह सामने आया कि रोड चौड़ीकरण के कार्य में बॉक्स में मानक के अनुसार जीएसबी की मात्रा नहीं डाली जा रही है। इस दौरान न पिच रौलर का प्रयोग किया जा रहा है और नहीं पानी डाला जा रहा है। सड़क ढलाई कार्य में ओपीसी 43 ग्रेड का सीमेंट लगाना है जबकि लोकल सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा है। इसका लोगों ने सबूत भी दिखाया। महज दिखाने भर के लिये एक ट्रैक्टर पर ओपीसी सीमेंट की 10 बोरी रखी हुई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्रेलर पर रखा ओपीसी सीमेंट केवल दिखावे के लिए कई दिनों से रखा गया है। इस दौरान जांच अधिकारी सहित विधायक भी भौंचक रह गए। जांच के दौरान घटिया सीमेंट की खाली बोरी भी बरामद की गई। इतना ही नहीं सड़क में बन रहे पुल – पुलिया में भी डीपीआर की खूब धज्जियां उड़ाई जा रही है। पुल निर्माण में डीपीआर के अनुरूप उच्च क्वालिटी का छड़ लगाना है लेकिन संवेदक द्वारा लोकल एवं घटिया छड़ का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर संवेदक के निजी इंजीनियर की जमकर क्लास लगाई गई। सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता ने भी निर्माण में गड़बड़ी को मानते हुये कई स्तरों पर सुधार के निर्देश दिए। साथ ही पुल निर्माण को रोककर मानक के अनुसार छड़ लगाने की हिदायत के बाद निर्माण कराने की बात कही गयी। सहायक अभियंता अवनीश कुमार ने कहा कि संवेदक को हर हाल में गुणवत्ता के अनुसार कार्य कराना होगा। विधायक मनोज कुमार यादव ने कहा कि किसी भी योजना में गड़बड़ी बर्दास्त नहीं की जायेगी। मानक के अनुसार कार्य नहीं होने पर मंत्रिमंडलीय निगरानी समिति से जांच भी कराई जायेगी।

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