बजट गरीब विरोधी , किसान विरोधी , नौजवान विरोधी , देश विरोधी*

*बजट गरीब विरोधी , किसान विरोधी , नौजवान विरोधी , देश विरोधी*


वेतिया ::भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम चम्पारण जिला कमिटी द्वारा बेतिया में केंद्रीय बजट के विरुद्ध प्रधानमंत्री का पुतला जलाया गया । लोक सभा में 2022.23 के लिए पेश किया गया बजट घोर गरीब , किसान , नौजवान और मध्यमवर्ग विरोधी है । पिछले दो साल से कोरोना जैसी महामारी से पीड़ित , आर्थिक मंदी से परेशान लोगों को इस बजट से बड़ी उम्मीद थी । इस बजट में किसी प्रकार की पेट्रोल , डीजल के टैक्स में कमी नहीं की गई है । जीएसटी में भी किसी प्रकार की कमी नहीं की गई है । इनकम हुआ ही नहीं तो इनकम टैक्स में बढ़ोतरी कैसे होगी । क्रिप्टो करेंसी से 30% लाभ की बात की गई है । क्रिप्टो करेंसी का मतलब गलत तरीके से कमाए गए पैसे से है । जो मोदी सरकार 2014 में काला धन लाने और 15 लाख रुपए सबके खाते में डालने के नाम पर सरकार में आ गई l वह अब नाजायज तरीके से कमाए गए पैसे की पहचान कर 30% टैक्स लगाकर लोगों को फायदा पहुंचाने की बात कर रही है ।

जबकि सच यह है कि रोज कमाने और खाने वाले लोगों के पास नाजायज पैसे नहीं होते । बाकी सारे पैसे नाजायज है और ऐसे देशद्रोहियों को आराम से विदेश भेजा जा रहा है । आज देश में अरबपतियों की संख्या में वृद्धि हुई है । 10% लोगों के पास देश की 65% पूंजी है । सरकार को चाहिए था उनपर टैक्स बढ़ा कर लोगों को राहत दिलाना । 25 साल को लक्ष्य मानकर 60 लाख लोगों को नौकरी यानी डेढ़ लाख प्रति वर्ष नौकरी की बात करने का मतलब क्या है ।
मोदी सरकार ने 5 साल पहले 2022 तक किसानों की आमदनी को दुगुनी करने , दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने को कहा था । जो सरासर झूठा साबित हुआ । आज 2022 में मोदी सरकार का जुबान चुप है । गरीबों के लिए कोई राहत नहीं दिया जा रहा । मनरेगा जैसे गरीबों की योजनाओं में कटौती की गई है । किसानों को किसी प्रकार का राहत नहीं दिया जा रहा है । पेट्रोल और खाद की सब्सिडी में कटौती कर दी गई । शहरी रोजगार योजना के लिए कुछ नहीं । अब दो करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष नौकरी देने वाली सरकार डेढ़ लाख नौकरी पर पहुंच गई है । यह सरकार कारपोरेट पक्षीय है । साम्राज्यवादी दबाव में तैयार किया हुआ यह बजट है । इस बजट से देश को कहीं कोई लाभ नहीं मिलने वाला है । यह बजट देश की जनता के लिए न केवल झुनझुना है । बल्कि उनकी जीवन को भूख में धकेलने वाली बजट है ।

 


इसलिए पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है और मोदी सरकार जो सही मायने में कारपोरेट तथा साम्राज्यवाद को बढ़ावा देने वाली सरकार है । इसके खिलाफ सड़क पर जनहित के लिए उतरना होगा । क्योंकि जब तक यह सरकार सत्ता में बनी रहेगी । देश में गरीबी , बेरोजगारी , किसानों की आत्महत्या लगातार बढ़ती रहेगी।
सड़क मार्च और पुतला दहन में सी पी आई एम के राज्य सचिवमंडल सदस्य प्रभुराज नारायण राव , जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव , विजय नाथ तिवारी , प्रभुनाथ गुप्ता , हरेंद्र प्रसाद , शंकर कुमार राव , म. हनीफ , रामा यादव , प्रकाश वर्मा , वी के नरुला , नीरज बरनवाल , सुशील श्रीवास्तव , महफूज राजा , शम्भू आलोक , एस डी गुप्ता ,शिवशंकर पाण्डेय , उमेश यादव , राधेश्याम ,आस महमद आदि थे ।

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