आदापुर प्रखंड के पंचायत भवानीपुर में करोड़ों के घोटाले का मामला हुआ उजागर

आदापुर प्रखंड के पंचायत भवानीपुर में करोड़ों के घोटाले का मामला हुआ उजागर

मनरेगा योजना के तहत पशु शेड निर्माण में हुई फर्जी निकासी

जेटी न्यूज

आदापुर पूर्वी चंपारण- जिला में पशुपालकों के लिए मनरेगा योजना के तहत बन रहे पशु शेड निर्माण में करोड़ों का घोटाला होने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार भवानीपुर पंचायत अंतर्गत भैरवा टोला गांव निवासी जगन्नाथ भगत के नाम पर पशु शेड निर्माण के लिए सामग्री मद में एक लाख तिरसठ हजार 336 रूपए, मजदूरी मद में 12804 रूपए एवं स्कीम मध्य में 16358 रूपए की निकासी की गई है। पूर्वी चंपारण में पशुपालकों के लिए मनरेगा योजना के तहत बन रहे पशु शेड निर्माण में करोड़ों का घोटाला हो गया है। पशु शेड का निर्माण कराए आपूर्तिकर्ता ,बिचौलियों और कार्यकर्ता पदाधिकारी के तालमेल से राशि निकासी करा ली गई है। इस संबंध में कई सनसनीखेज मामला सामने आया है ।

 

ज्ञात हो कि पशुपालकों के हित में केंद्र सरकार और बिहार सरकार द्वारा मनरेगा योजना के बड़े पैमाने पर पशु शेड का निर्माण कराया जा रहा है। किसानों का जिवकोपार्जन
कर सके। वही पदाधिकारियों आपूर्तिकर्ताओं एवं बिचौलियों ने मिलकर आदापुर प्रखंड के पंचायत भवानीपुर में करोड़ों का घोटाला किया गया है। जगन्नाथ भगत, आशुतोष चौरसिया, राजेंद्र भगत तथा अखिलेश प्रसाद आदि लोगों ने बताया कि जिन लोगों ने अपनी निजी जमीन पर पशु शेड निर्माण के लिए आवेदन दिया था उस आवेदन के आलोक में अधिकारी द्वारा कहा गया है कि आप निर्माण करें एजेंसी सभी चीजें उपलब्ध कराएगी।

लेकिन उनके खातों में मजदूरी की भी राशि नहीं दी गई और ना ही एजेंसी में कोई सामान उपलब्ध कराया गया। इस संबंध में लोगों ने रोजगार सेवक सुजीत कुमार एवं कार्यालय में पूछताछ किए तो रोजगार सेवक सुजीत कुमार ने बताया कि बिहार सरकार के इस योजना में पैसा अभी नहीं आया है । इसलिए अभी पैसा किसी के खाते में नहीं दिया जा रहा है। ऐसे कहते हुए 2 सालों से टालमटोल करते आ रहे हैं। इस बाबत पीड़िता ने पंचायत में और किसी से पशु शेड के निर्माण मामले में पूछताछ किए तो पता चला कि हम लोगों के खाते में 30 से 40,000 रुपए आया है। उसके बाद बंद हो गया तब जाकर इस मामले का उजागर हुआ।

उन्होंने कहा कि जब- जब मैं रोजगार सेवक से इस बात की चर्चा की तो उन्होंने हमारे पशु शेड का जांच पड़ताल किया और फिर बोले कि गेट थोड़ा पतला है चौड़ा करिए तो आपका पैसा मिलेगा। उनके कहने के अनुसार भी मैंने खर्च कर दिया, बावजूद इसके पैसा मेरे खाते में नहीं आया।बाद में पता चला कि कागज पर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है‌। और पैसों की निकासी भी की जा चुकी है। पीड़िता ने कहा कि अगर मामले का गहनता पूर्वक भौतिक सत्यापन हो तो इस योजना के तहत जिले में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है। रोजगार सेवक सुजीत कुमार इस घोटाला का मास्टरमाइंड है। इस पीड़िता ने कहा कि इस मामले में न्याय के लिए मैं उच्च स्तरीय जांच कर आऊंगा।

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