मधुबनी स्थानीय निकाय से एमएलसी चुनाव में निर्दलीय अंबिका गुलाब ने लहराया परचम

मधुबनी स्थानीय निकाय से एमएलसी चुनाव में निर्दलीय अंबिका गुलाब ने लहराया परचम

दलीय प्रत्याशियों पर भारी पड़े बागी प्रत्याशी

 

जेटीन्यूज। मधुबनी से प्रो अरुण कुमार।
   मधुबनी स्थानीय निकाय के एम एल सी चुनाव में वही हुआ जैसा लोग सोच रहे थे। सभी दलीय प्रतिबद्धता को दरकिनार करते हुए सभी समीकरणों को ध्वस्त करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी अंबिका गुलाब यादव ने जीत का परचम लहरा दिया। प्रथम वरीयता के मतों की गिनती में अंबिका गुलाब को 1997 ,निर्दलीय व निवर्तमान एम एल सी सुमन महासेठ को 1445 ,राजद प्रत्याशी व खुटौना के प्रमुख मेराज आलम को 1317 ,राजग प्रत्याशी व पूर्व एम एल सी बिनोद सिंह को 757 , कांग्रेस प्रत्याशी सुबोध मंडल को 134, और निर्दलीय प्रत्याशी कमला कांत भंडारी को44 मत प्राप्त हुआ।

चुनावी विष्लेषक मानते हैं कि यह चुनाव पैमाना पोटली होता है। पोटली होने के अलावा खर्च करने की हिम्मत और सही कैंपेनिंग भी जरूरी होता है।ये तमाम चीजें का समायोजन अंबिका गुलाब यादव के साथ था। इसीलिए जीत भी इन्हें ही मिली।
हालांकि अंबिका की जीत का रास्ता रोकने के लिए सभी प्रयास किये गये। राजद से विधायक रह चुके अंबिका के पति गुलाब यादव को पार्टी लाइन के खिलाफ जाने के कारण पार्टी से छै साल के लिए चुनाव से ऐन पहले निकाल दिया गया।राजद प्रत्याशी मेराज के नामांकन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सभा कराईं गई। विरोधियों ने राजद के माय समीकरण को तोड़ने का दुष्प्रचार भी चलाया।

बावजूद इसके पोटली राजनीति से सभी समीकरणों व दुष्प्रचार को धत्ता बताते हुए अंबिका गुलाब यादव ने जीत का परचम लहरा दिया।इस जीत में महत्वपूर्ण रौल अंबिका गुलाब यादव की पुत्री एवं मधुबनी जिला परिषद की अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव का व्यवहार व चुनाव कैंपेनिंग का अनोखा तरीका भी रहा है।कहां जा रहा है की अंबिका की जीत ने मथुबनी जिले में राजद के माय समीकरण में दरार उत्पन्न कर दिया है।यह सही भी है।राजद का उम्मीदवार मुसलमान है। अधिकांश मुस्लिम मतदाताओं ने राजद प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया है। यादव के अधिकांश मतदाताओं ने स्वजातीय निर्दलीय प्रत्याशी अंबिका के पक्ष में मतदान किया है।लेकिन इन दोनों जातियों के अधिकांश मतदाताओं ने दूसरी वरीयता के मत एक दूसरे के पक्ष में किया है। कारण एनडीए प्रत्याशी की जीत का डर बताया जा रहा है।


इस परिणाम ने इस जिले में एनडीए के दो प्रमुख घटक भाजपा और जदयू में भी दरार उत्पन्न कर दिया है। जदयू समर्थक भाजपा कार्यकर्ताओं पर निवर्तमान एम एल सी सुमन महासेठ के पक्ष में काम करने का आरोप संपूर्ण चुनाव में लगातें रहें हैं। परिणाम आने के बाद स्पष्ट भी हो रहा है। एनडीए के बागी महासेठ को प्रथम वरीयता में एनडीए के बिनोद सिंह से दोगुना अधिक मत मिला है। इसीलिए ऐसा आरोप भी भाजपा वर्कर पर लगता रहा है। इसके विपरित जानकर बताते हैं कि वोटों के इस अंतर का कारण बिनोद सिंह की कंजूसी और सुमन महासेठ की शाहखर्ची है। लोग मानते हैं कि जिसने जितना पैसा खर्च किया प्रथम वरीयता में वोट भी उसी क्रम से आया है।
जहां तक कांग्रेस का सबाल है तो पार्टी जितने के लिए बल्कि जिला में सिंबल और पहचान जिन्दा रखने मात्र के लिए मैदान में प्रत्याशी उतारते हैं।ऐसा लोगों का कहना है।


                     विगत चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुमन कुमार महासेठ ने इस सीट पर विजय पताका लहराया था। तब भाजपा अकेले दम पर चुनाव लड रही थी। राजद और जदयू का संयुक्त उम्मीदवार विनोद सिंह थे । वर्तमान में राजद के वरिष्ठ नेता राजकुमार यादव निर्दलीय मैदान में थे।।
इधर चुनाव परिणाम आने के बाद अंबिका गुलाब यादव को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया है। पूर्व जिला पार्षद भारत भूषण यादव,शंकर सिंह कुशवाहा,जिला पार्षद ललिता देवी, समाजसेवी विष्णु देव भंडारी, प्रह्लाद राय, जगदीश यादव, जिला पार्षद जय किशोर यादव,प्रो अरुण कुमार यादव ने अंबिका गुलाब यादव को बधाई दी है।
 
   
          

Related Articles

Back to top button