विरासत को बचाना हमारा धर्म : प्रोफेसर एन के अग्रवाल

विरासत को बचाना हमारा धर्म : प्रोफेसर एन के अग्रवाल


जे टी न्यूज़

दरभंगा: किसी भी राष्ट्र और समाज का इतिहास, उसके वर्तमान और भविष्य का नीव होता है। जिसका इतिहास जितना गौरवशाली होगा , उसका स्थान उतना ही ऊंचा माना जाता रहा है। बीता हुआ कल वापस नहीं आता, लेकिन उस काल मे बनी इमारते और लिखें गए साहित्य उन्हें हमेशा सजीव बनाये रखते हैं। विरासत के स्थल किसी भी राष्ट्र की सभ्यता और उसकी प्राचीन संस्कृति के महत्वपूर्ण कारक माने जाते हैं। अतः विरासत को बचाना हमारा पुनीत कर्तब्य है। उक्त बातें आज इंडियन नेशनल ट्रस्ट फ़ॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज अर्थात इंटेक दरभंगा चैप्टर के संयोजक सह शैक्षणिक सलाहकार, बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद, पटना के प्रोफेसर नवीन कुमार अग्रवाल ने विश्व विरासत दिवस , 2022 के अवसर पर कही। आज 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस है। इस अवसर पर इंटेक, दरभंगा चैप्टर एवं स्नातकोत्तर गणित विभाग द्वारा एक बेबीनार का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम की शुरुवात कार्यक्रम में जुड़े सभी गणमान्य नागरिक एवं छात्र छात्राओं के स्वागत से किया गया l

 

मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर विद्यानाथ झा, सेवानिवृत्त प्रधानचार्य थे। उन्होंने अपने संबोधन मे पीपल और बरगद के संयुक्त पेड़ के बारे में बताया। कहा कैसे पक्षी इनका बीजारोपण करती है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में त्रिशूला नदी के बारे में बताया। पानी की कमी से नदियों में खतरा उत्पन्न हो गया है। थाईलैंड में वर्ल्ड सॉइल डे मनाया जाता है। विस्तारपूर्वक जल संरक्षण के बारे में बताया।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर के के साहू ने विश्व धरोहर दिवस की जानकारी दी। उन्होंने भारत के सभी 40 विश्व धरोहरों की चर्चा विस्तार से की। सभी स्थलों के बारे में उनकी विशेषताओं के साथ बताया। निर्माण कार्य कब हुआ और किस कारण उनको विरासत माना गया। 1983 में यूनेस्को ने भारत के चार ऐतिहासिक स्थल को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जो ताजमहल, आगरा के किला, अजंता और एलोरा की गुफाएं हैं। इसप्रकार डॉ साहू ने काफी जानकारी साझा की। कार्यक्रम में बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ शिवेश रंजन भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने इसके बारे में बताया कि ये क्यो मनाया जाना चाहिए। इंटेक के डॉ सुशांत भी कार्यक्रम में उपस्थित थे l

 

कार्यक्रम में छात्र – छात्राओं ने काफी प्रश्न पूछा। गणित विभाग की प्रिंयका ने पुछा की ये दिवस क्यो मनाया जाना चाहिए। सबो के प्रश्नों का उत्तर प्रोफेसर अग्रवाल ने दिया। रोसड़ा से जुड़े इंटेक के आजीवन सदस्य श्री के के लखोटिया ने अपने इलाके के महत्वपूर्ण विरासतों की चर्चा की। उनमे उदयनाचार्य की डीह, कविवर आरसी प्रसाद की डीह आदि के संरक्षण के बारे में इंटेक से सहयोग मांगा।
आज के इस कार्यक्रम में पूरे बिहार से प्रतिभागी जुड़े हुए थे। स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के डॉ मनुराज शर्मा, बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के पदाधिकारी डॉ गौरव सिक्का, मनोहरलाल टेकरीवाल कॉलेज सहरसा से डॉ आनन्द मोहन झा, मुजफ्फरपुर से मधु वर्मा,आसाम से अक्षय अग्रवाल, गणित बिभाग के अखिलेश, मिंटू,अभिजीत आदि जुड़े हुए थे। कार्यक्रम की समाप्ति धन्यवाद ज्ञापन के साथ की गई।

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