रक्सौल के तपसी हत्या कांड का नहीं हुआ उद्भेदन, न्याय पाने की आस में परिजनों की आंखें पथराई गई
रक्सौल के तपसी हत्या कांड का नहीं हुआ उद्भेदन, न्याय पाने की आस में परिजनों की आंखें पथराई गई
जेटी न्यूज/डी एन कुशवाहा
रक्सौल पूर्वी चंपारण- एक गरीब व असहाय परिवार के किसी सदस्य के साथ जब कोई घटना घटती है तो उसको न्याय पाना इस कलियुग में बड़ा मुश्किल है। कारण यह है कि गरीब परिवार के लोग न्याय पाने के लिए न तो उतना दौड़-धूप कर पाते हैं,न उनके पास ख़र्च करने की सामर्थ्य होती है और न प्रशासन में उनका कोई सोर्स पैरवी पहुंच पाता है। यहीं सब कारण है कि अपने जिगर के टुकड़े एवं बुढ़ापे के सहारा को खो देने के बाद भी न्याय पाने के लिए एक वृद्ध मां दर-दर भटक रही हैं और कानून का दरवाजा खटखटा रही हैं।यह घटना स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत सिसवा गांव के वार्ड नंबर 1 की है। जहां 3 माह पहले सरस्वती पूजा के विसर्जन के दिन प्रतिमा विसर्जन करने के लिए तपसी नामक युवा अपने ही गांव के कुछ साथियों के साथ भारत नेपाल के मध्य हिस्से होकर गुजरने वाली तिलावे नदी में गया था। मूर्ति विसर्जन हो जाने के बाद उसके कुछ साथी उसे बहला-फुसलाकर नेपाल में लेकर चले गए।
देर संध्या तक जब तपसी अपने घर वापस नही आया तो माता-पिता चिंतित हो गए और तपसी की खोजबीन शुरू कर दिया।इस संबंध में जब तपसी के परिजन उसके मित्रों से पूछताछ किया तो उसके मित्रों ने बताया कि कल सुबह 8 बजे तक आपको खुद पता लग जाएगा कि आपका बेटा कहां है। सुबह हुई तो नेपाल के अमरपटी नदी के पुल के नीचे तपसी का तैरता हुआ लाश प्राप्त हुआ। अपने लाल का छत भी छत शरीर देखकर तपसी के परिजन छाती पीट-पीटकर और दहाड़ मार-मार कर रोने लगे। स्थानीय लोगों के द्वारा नेपाल और भारत के पुलिस को सूचना दी गई। नदी के पास दोनों देशों की पुलिस पहुंची। शव नेपाल के हिस्से से प्राप्त हुआ था इसलिए नेपाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। उसके बाद मृतक तापसी का अंतिम संस्कार करने के लिए पुलिस ने उसके शव को सुपुर्द कर दिया।इस बाबत मृतक के परिजनों द्वारा न्याय पाने के लिए नेपाल के पोखरिया थाना पुलिस को आवेदन दिया गया, लेकिन अभी तक न हीं मामले का उद्भेदन हुआ और ना हीं अपराधियों की गिरफ्तारी हुई।
इस संबंध में परिजनों का कहना है कि नेपाल पुलिस के द्वारा अनुसंधान सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। गौरतलब हो कि रक्सौल पुलिस के द्वारा अगर मामले की जांच पड़ताल की जाती है तो शायद हमें इंसाफ मिल सकता है। लेकिन रक्सौल पुलिस नेपाल में हुई घटना की का हवाला देकर पाले झाड़ रही है। ऐसी परिस्थिति में न्याय पाने की आस में मृतक तपसी के परिजनों की आंखें राह जोहते-जोहते पथरा गई हैं।