*ट्रेनों के ठहराव की माँग को लेकर बड़हिया में रेल का चक्का जाम।*

*ट्रेनों के ठहराव की माँग को लेकर बड़हिया में रेल का चक्का जाम।*

 

*रविवार को पूरे दिन हावड़ा-नई दिल्ली रेल लाइन पर परिचालन रहा बाधित*

जेटीन्यूज़

 

अनुभव सिंह

पटना: रविवार को हावड़ा से नई दिल्ली जाने वाली मुख्य रेलवे लाइन पर पूरे दिन ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा।दानापुर रेल मंडल के बड़हिया रेलवे स्टेशन पर स्थानीय लोगों ने बड़हिया स्टेशन की उपेक्षा किए जाने के खिलाफ रेलवे लाइन पर धरना दिया और करीब 10 बजे से ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद हो गया।दरअसल कोरोना काल के बाद बड़हिया स्टेशन पर 8 प्रमुख ट्रेनों का ठहराव खत्म कर दिया गया है,जिससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है।पूरे दिन बड़हिया स्टेशन पर हजारों की संख्या में स्थानीय लोग जमे रहे और रेल प्रशासन की मनमानी के खिलाफ नारे लगाते रहे।वहीं दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन ने भारी संख्या में स्टेशन पर पुलिस बल की तैनाती की हुई थी और पूरे दिन आला अधिकारी धरने पर बैठे लोगों को समझाने का प्रयास करते रहे।समाचार लिखे जाने तक रेलवे के आला अधिकारी, स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और धरने पर बैठे लोगों के बीच बातचीत जारी रही,परिचालन बाधित रहा और यात्री परेशान रहे।हालांकि सैंकड़ों स्थानीय युवा रेल यात्रियों को पानी पिलाते नजर आए।

 

*कई प्रमुख ट्रेनों का ठहराव हुआ खत्म*

 

रेलवे प्रशासन के द्वारा बड़हिया रेलवे स्टेशन पर 13105/13106 सियालदह-बलिया एक्सप्रेस,12335/12336 भागलपुर -लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस,13419/13420 मुजफ्फरपुर- भागलपुर जनसेवा एक्सप्रेस,18181/18182 टाटा-छपरा(थावे) एक्सप्रेस,28181/28182 कटिहार एक्सप्रेस,13483/13484 मालदा टाउन-फरक्का एक्सप्रेस(वाया अयोध्या),13413/13414 मालदा टाउन-फरक्का एक्सप्रेस(वाया सुल्तानगंज),15647/15648 गुवाहाटी-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस और 18621/18622 पटना-हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस जैसे महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव कोरोना काल के बाद से बन्द है।

 

*राजस्व प्राप्ति में कई अन्य स्टेशनों से बेहतर रहा है बड़हिया*

 

रेलवे के अधिकारियों के अनुसार ट्रेनों के ठहराव का आधार राजस्व की प्राप्ति बताया गया था और बड़हिया रेलवे स्टेशन से कम राजस्व प्राप्ति की बात कही गई थी।लेकिन बड़हिया निवासी आरटीआई कार्यकर्ता सौरभ कुमार ने जब आरटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त की तो पता चलता है कि पिछले पाँच वित्तीय वर्ष में बड़हिया रेलवे स्टेशन से 2.83 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है।जबकि कजरा 2.19 करोड़,अभयपुर 1.99 करोड़,सिमुलतल्ला 1.99 करोड़, गिद्धौर 1.74 करोड़,धरहरा 1.55 करोड़,खुसरूपुर 1.48 करोड़ और मननपुर से 1 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई है।

 

*माता जगदम्बा के दर्शन को आते हैं लाखों श्रद्धालु*

 

वहीं दूसरी ओर बड़हिया रेलवे स्टेशन का धार्मिक महत्व है,जहाँ माता जगदम्बा का मंदिर है।बड़हिया स्थित माता जगदम्बा का मंदिर पूरे प्रदेश ही नहीं,अन्य प्रदेशों के लोगों का भी आस्था का केन्द्र है।यहाँ प्रति वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।बड़हिया रेलवे स्टेशन से माता के मंदिर की दूरी करीब दो किलोमीटर है,जबकि अन्य रेलवे स्टेशन 10 से 20 किलोमीटर की दूरी पर है।इतना ही नहीं बड़हिया रेलवे स्टेशन के आसपास सैंकड़ों गाँव बसे हैं,जिनके कहीं आने जाने का माध्यम भारतीय रेल है।आरटीआई से प्राप्त आंकड़े ये स्प्ष्ट करते हैं कि रेलवे के आला अधिकारी लंबे समय से बड़हिया स्टेशन के साथ सौतेला व्यवहार करते आ रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि रेल मंत्रालय को ये स्प्ष्ट करना चाहिए कि यदि ट्रेनों के ठहराव का आधार राजस्व की प्राप्ति नहीं है,स्टेशन का धार्मिक महत्व नहीं है,सामाजिक महत्व नहीं है तो फिर क्या है ?

 

*देर रात तक नहीं बन सकी बात,29 ट्रेनों का रूट डाइवर्ट,10 ट्रेनें रद्द।*

 

रविवार सुबह से प्रारंभ हुआ धरना देर रात तक समाप्त नहीं हो सका और हजारों की संख्या में स्थानीय लोग पटरी और स्टेशन पर जमे रहे।एक ओर जहाँ स्थानीय लोग अपनी माँगों पर अड़े हैं तो वहीं दूसरी ओर मौके पर मौजूद रेलवे के आला अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों के ठहराव का आदेश देना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।इस बीच 29 ट्रेनों का रूट डाइवर्ट किया गया जबकि 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया।जैसे-जैसे रात बढ़ती गई,माहौल तनावपूर्ण होता गया।प्रशासन के द्वारा बल प्रयोग करने की संभावना भी नजर आई।सम्भवतः प्रशासन स्थानीय लोगों की संख्या कम होने का इंतजार कर रहा था।

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