रूचि बुलंदी पर जाने की पहली शर्त है- शिक्षा मंत्री

रूचि बुलंदी पर जाने की पहली शर्त है- शिक्षा मंत्री
जे टी न्यूज़

 

पटना: शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार, विजय कुमार चौधरी आज पटना विश्वविद्यालय एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों, नैक समन्वयकों एवं कंप्यूटर विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा कि आज उच्च शिक्षा में नैक मूल्यांकन को लेकर जो बातें चलती हैं, उनसे बहुत घबड़ाने की जरूरत नहीं है क्योंकि बेचैनी दो ही स्तर पर पैदा लेती है; या तो हम उसमें जाना नहीं चाहते या जाने की इच्छा नहीं होती।दुनिया में बहुत सारी चीजें हमारे चाहने के अनुरूप नहीं निर्मित होतीं।अगर हमारे चाहने से चीजें बदलने लगीं तो उसका चेहरा और भी कुरूप हो जाएगा।बिहार एक ऐसा प्रदेश है जहाँ मेधा की कमी नहीं है।अगर प्रतिभा की कमी होती तो आज राष्ट्रीय स्तर जितनी भी परीक्षाएँ होती हैं उनमें भारी मात्रा में बिहारी लड़के- लड़कियाँ सफल होते हैं।


स्थानीय जगजीवन राम शोध संस्थान, पटना में नैक मूल्यांकन की एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यशाला को उद्घाटित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब विश्वविद्यालय, राजभवन और सरकार तीनों एकरेखीय दिशा में समन्वित प्रयास करेंगे तो कोई कारण नहीं कि बिहार एक बार पुनः अपनी उसी शैक्षणिक ऊँचाई को प्राप्त नहीं कर पाएगा।मंत्री महोदय ने सूत्र- वाक्य देते हुए कहा कि सफलता की पहली शर्त है रूचि।जिस दिन से हम किसी काम में रूचि लेने लगते हैं, आधी सफलता तो उसी दिन हासिल हो जाती है।निरंतर संवाद को स्थापित करते हुए जब हम अपनी रूचियों को केंद्रित करने लगते हैं, मूल्यांकन की दुनिया वहीं से शुरू हो जाती है, जिसका एक छोटा सा पड़ाव है नैक।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने गुणवत्ता की वकालत करते हुए कहा कि नैक मूल्यांकित संस्थानों से पढ़कर निकले हुए बच्चों के व्यक्तित्व में इसलिए इजाफ़ा हो जाता है क्योंकि व्यक्ति की पहचान सिर्फ स्वयं से ही नहीं होती बल्कि संस्थान से भी होती है।

 

 


शिक्षा सचिव असंगबा आओ चुओ ने बिहार राज्य शिक्षा परिषद् के सदस्य सचिव की भूमिका में सबों का स्वागत किया।
उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. रेखा कुमारी ने नैक मूल्यांकन के लिए रिसर्च पर बल देने की बात कही।
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरीश कुमार चौधरी ने व्यावसायिक शिक्षा, रोजगार, सीबीसीएस तथा गेस्ट फैकल्टी पर विस्तार से प्रकाश डाला।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर.के.सिंह ने अपने संक्षिप्त लेकिन सारगर्भित संबोधन में स्पष्ट तौर पर कहा कि हम न्यूनतम संसाधनों में भी बेहतर ग्रेडिंग प्राप्त कर सकते हैं बशर्ते कि हमें हर चीज का व्यवस्थित डाॅक्यूमेंटेशन, प्रस्तुतिकरण एवं आऊटपुट ओरिएंटेड वाला भाव पता हो।
अकादमिक समन्वयक डाॅ गौरव सिक्का ने पीपीटी के माध्यम से नैक के बैकल्पिक रूप पैक की चर्चा की।


शिक्षा परिषद के शैक्षणिक सलाहकार और गणित के विद्वान शिक्षक प्रो एन के अग्रवाल ने पीपीटी के माध्यम से नैक के तकनीकी एवं व्यावहारिक पक्षों का बड़ा ही सरल लेकिन गंभीर प्रस्तुतिकरण दिया और एक-एक बिंदु को बहुत ही सरल तरीके से बताया।उन्होंने कहा कि सबसे पहले अपने दिमाग से निकाल दीजिए कि नैक मूल्यांकन कोई कठिन काम है।मजबूत आई क्यू ए सी के साथ जो महाविद्यालय नए एवं पुराने शिक्षकों के सहयोग से तथा ईमानदारी से अगर विगत पाँच वर्षों का अभिलेख सुरक्षित और संरक्षित रखते हुए उसका उपस्थापन करता है, उसे नैक में अच्छी ग्रेडिंग प्राप्त करने से कोई रोक नहीं सकता।

 


प्रो पीटर ने बहुत सधे हुए अंदाज में बताया कि आखिर नैक की पीयर टीम आपसे चाहती क्या है?
राजभवन का प्रतिनिधित्व कर रहे संयुक्त सचिव श्री प्रवीण गुप्ता जी ने सरकार और विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से सफलीभूत होती कार्यशाला पर अपनी खुशी एवं प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इसी तरह निरंतर प्रयास से एक दिन उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन परिलक्षित होगा।
मंच संचालन का दायित्व पटना विश्वविद्यालय ने संभाला वहीं धन्यवाद ज्ञापन का काम शिक्षा परिषद के कर्मठ एवं अपने काम में बेहद दक्ष मो.शहबाज ने किया।इस अवसर पर दोनों विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, पदाधिकारी गण, महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य प्रो शशि प्रताप शाही, टीपीएस काॅलेज के प्रो उपेन्द्र प्रसाद सिंह, काॅलेज ऑफ काॅमर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पटना के प्रधानाचार्य प्रो. इंद्रजीत प्रसाद राय,

बीडी काॅलेज के प्रो प्रवीण कुमार, ए एन एस काॅलेज, बाढ़ के प्रधानाचार्य प्रो ध्रुव कुमार, नालंदा कालेज के प्रभारी प्राचार्य डाॅ राम कृष्ण परमहंस, एस एम डी के प्रभारी प्राचार्य प्रो राम किशोर सिंह, श्री अरविंद महिला काॅलेज की प्रिंसिपल प्रो पूनम, नालंदा महिला काॅलेज की डाॅ मुसर्रत जहाँ, पटना विश्वविद्यालय के प्रो एन के झा, डाॅ सुहेली मेहता, जगत नारायण लाल काॅलेज, खगौल की प्रधानाचार्या प्रो मधु प्रभा सिंह आदि मौजूद थे।इस आशय की जानकारी पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डाॅ.वी.के.मंगलम ने दी।

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