जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री के साथ बाढ़ सुरक्षा पूर्व तैयारी कार्यों को किया साझा

जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री के साथ बाढ़ सुरक्षा पूर्व तैयारी कार्यों को किया साझा
जेटी न्यूज।प्रो अरुण कुमार। मधुबनी

जिलाधिकारी, मधुबनी, अरविन्द कुमार वर्मा आज मुख्यमंत्री, बिहार की अध्यक्षता में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा हेतु वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आहूत राज्य स्तरीय बैठक में समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष से शामिल हुए।

इस बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जिले में संभावित बाढ़/ सुखाड़ के मद्देनजर कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर जिले की तैयारियों की जानकारी मुख्यमंत्री जी के साथ साझा की गई।

सबसे पहले बाढ़ राहत सामग्रियों के दर निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ता के चयन के बारे में उन्होंने जानकारी दी कि निविदा दाताओं का चयन कर लिया गया है एवं आपूर्ति से संबंधित दर का निर्धारण कार्य भी पूरा कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि जिले में संभावित बाढ़ के दृष्टिकोण से सरकारी नावों की मरम्मत कर ली गई है और निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा का कार्य भी पूरा कर लिया गया है।

 

अनुग्रहिक राहत के भुगतान हेतु परिवारों के आधार सीडिंग को अद्यतन करने का काम पूरा कर लिया गया है।

जिलाधिकारी ने जानकारी दी है कि जिले में बाढ़ आश्रय स्थल की पहचान कर वहां सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मेगा बाढ़ राहत केंद्र के रूप में कुल 22 स्थानों की पहचान हुई है, जिसमें 24950 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा सकती है। साधारण बाढ़ राहत केंद्र के तहत कुल 218 शिविरों की पहचान की गई है, जिसमें कुल 86867 लोग आश्रय ले सकते हैं। कोविड बाढ़ राहत केंद्र के तहत कुल 28 शिविरों की पहचान की गई है, जिसमें कुल 13985 लोग ठहर सकते हैं। इन सब के लिए सामुदायिक रसोई के लिए 220 स्थानों को भी चिन्हित किया गया है। जिसमें रोजाना कुल 75513 लोग भोजन प्राप्त कर सकते हैं। इतना ही नहीं गत वर्ष में चिन्हित बार आश्रय स्थलों का भौतिक सत्यापन भी किया गया है और उन जगहों पर पेयजल एवं शौचालय आदि आदि के इंतजाम का काम जारी है।

उन्होंने कहा कि जिला आपातकालीन संचालन केंद्र 24 x 7 कार्यरत है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष की राशि से निर्मित किए जा रहे बाढ़ आश्रय स्थलों के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध करा दी गई है। कुल 8 बाढ़ आश्रय स्थलों में से 02 स्थलों पर निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं शेष स्थलों पर निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है।

 

जिले में एसडीआरएफ के लिए आवासन एवं आपदा की स्थिति में रिस्पांस टीमों के प्रशिक्षण हेतु डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी रिस्पांस फैसिलिटी सह ट्रेनिंग सेंटर हेतु 1 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है।

आपदा की घड़ी में मानव स्वास्थ्य के देखभाल हेतु मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी मधुबनी द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं जीवन रक्षक दवाओं, हैलोजन टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, डीटीटी आदि अधिकांश दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। अन्य सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता समय से सुनिश्चित कर ली जाएगी।

जिले में पेयजल आपूर्ति के मद्देनजर कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल मधुबनी के द्वारा कुल 1450 एवं लोक स्वास्थ्य प्रमंडल झंझारपुर के द्वारा 1634 इस प्रकार कुल 3084 चापाकल की मरम्मती का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में कुल 7 मरम्मती दल भी कार्यरत है। जिसके माध्यम से मरम्मत हेतु बंद चापाकलों की सूचना प्राप्त होने पर उनकी मरम्मत सुनिश्चित की जाती है।

जिला कृषि पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा विभागीय निर्देश के आलोक में प्रभावित कृषकों को कृषि इनपुट सब्सिडी का भुगतान कर दिया गया है।

जिलाधिकारी ने बताया कि तटबंधों की सुरक्षा हेतु कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल झंझारपुर एक एवं दो के द्वारा कुल 21 योजनाओं पर कार्य किया जाना था। जिनमें से 4 योजनाओं पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है योजनाओं पर कार्य प्रगति पर है जो बाढ़ के पूर्व ही पूर्ण करा लिया जाएगा। अनुमंडल पदाधिकारी/ कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, झंझारपुर एक एवं दो को भौतिक सत्यापन हेतु संयुक्त रूप से जांच करने हेतु निदेश दे दिए गए हैं।

जिले में संभावित सूखे से निपटने हेतु धान के बिचड़े का आच्छादन, धान की रोपनी एवं सुखाड़ की स्थिति में वैकल्पिक फसल जैसे अरहर, तुरिया, उड़द, कुर्थी के फसल लगाने हेतु आकस्मिक फसल योजना की तैयारी कर ली गई है। बीज की आवश्यकता का आकलन कर कृषि विभाग को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।

उक्त बैठक में अपर समाहर्ता, मधुबनी अवधेश राम के साथ प्रभारी पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन शाखा सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, मधुबनी परिमल कुमार भी उपस्थित थे

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