मोतिहारी में मेदांता के डॉ अजय कुमार सिन्हा द्वारा ह्रदय रोग व बचाव पर किया गया सेमिनार: डॉ. आशुतोष

मोतिहारी में मेदांता के डॉ अजय कुमार सिन्हा द्वारा ह्रदय रोग व बचाव पर किया गया सेमिनार: डॉ. आशुतोष
जेटी न्यूज

डी एन कुशवाहा

मोतिहारी पूर्वी चंपारण- आईएमए मोतिहारी के द्वारा ह्रदय रोग और उससे बचाव पर आयोजित सेमिनार में मेदांता अस्पताल पटना के कार्डियोलॉजी के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ अजय कुमार सिन्हा और डायरेक्टर डॉ ओमप्रकाश नारायण आर्या के द्वारा प्रकाश डाला गया। जिसमें
मेदांता के डॉक्टर्स ने पहल करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर ह्रदय घात होने की अवस्था में फर्स्ट एड के रूप में डिफ्लेटर मशीन लगाने की मुहिम छेड़ी है, जो पटना के बाद बिहार के सभी डिस्ट्रिक्ट में शुरू किया जाएगा। और दूसरे डिस्ट्रिक्ट के रूप में चंपारण के प्रसिद्ध डॉक्टर आशुतोष शरण की अगुवाई में मोतिहारी के सार्वजनिक स्थलों पर लगाया जाएगा। ह्रदय रोगियों के इलाज में सावधानी और जागरूकता ही है सबसे बड़ा बचाव। ज्ञात हो कि आईएमए मोतिहारी द्वारा आयोजित ह्रदय रोग के समाधान टॉपिक पर मेदांता के प्रसिद्ध ह्रदय रोग चिकित्सक डॉक्टर अजय कुमार सिन्हा और डॉक्टर ओमप्रकाश नारायण आर्या ने मोतिहारी आकर विशेषज्ञ चिकित्सकों के बीच लोगों को ह्रदय घात होने की अवस्था में बचाव की जानकारी दी और हृदयघात के उपचार और उपलब्ध संसाधनों से उपचार के लाइव वीडियो दिखाकर जानकारी दी जो काफी सराहनीय कार्य है। डॉक्टर सिन्हा ने लोगों को भी जागरूक रहने की सलाह दी और सार्वजनिक स्थलों पर हार्ट अटैक के मरीज को फर्स्ट एड के रूप में चेस्ट मशाज करने और यदि उपलब्ध हो तो डिफ्लेटर मशीन के द्वारा हार्ट को दुबारा चालू करने की सलाह दी। इसके लिए मेदांता के द्वारा पटना के बाद मोतिहारी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर आशुतोष शरण की अगुवाई में मोतिहारी के सार्वजनिक स्थलों पर डिफ्लेटर मशीन लगाने की बात कही।

वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर आशुतोष शरण ने मेदांता के डॉक्टर्स को धन्यवाद देते हुए कहा की लोगो में जागरूकता लाने के लिए मेदांता की मुहिम सीपीआर प्रोग्राम का स्वागत करते है और कहा की छोटे शहरों में कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की व्यवस्था नही होने के कारण डॉक्टर्स को हार्ट के मरीजों को उचित उपचार के लिए रेफर करना चाहिए। वहीं डॉक्टर ओमप्रकाश नारायण आर्या ने हार्ट अटैक की अवस्था में डॉक्टर्स को मशविरा देते हुए कहा की छोटे शहरों के डॉक्टर्स को दो घंटे के अंदर मरीजो को वहां शिफ्ट कराना चाहिए, जहां कोरोनरी एंजियोग्राफी की व्यवस्था हो, तभी मरीज की जान बचाई जा सकती है। उक्त आशय की जानकारी वरीय चिकित्सक डॉ. आशुतोष शरण ने दी।

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