*”जिओ जेब्रा” समय की माँग : प्रो. एन के अग्रवाल।*

जेटी न्यूज़।

दरभंगा::- आज की दुनिया प्रौद्योगिकी संचालित है। विभिन्न रिपोर्ट और शोधों ने सुझाव दिया है कि निकट भविष्य में कई ऐसी नौकरियों का सृजन होना है, जिसके बारे में अभीतक लोगो को मालूम ही नही है। हम निकट भविष्य में तकनीकी प्रगति से संबंधित बड़े वदलाव को देखेंगे।

सबों से ये अपेक्षा की जाएगी कि वे एक प्रमुख कोडिंग भाषा को जाने और तकनीक से चलनेवाली दुनिया के साथ आने के लिये प्रारंभिक आयु से ही मुख्यधारा के शैक्षिक पाठ्यक्रम में गणितीय सॉफ्टवेयर को भविष्य के लिये तैयार करना अनिवार्य है।

जिओ जेब्रा शिक्षा के सभी स्तरों के लिए एक ऐसा गतिशील गणित सॉफ्टवेयर है जो एक आसान पैकेज में ज्यामिति, बीजगणित, स्प्रेडशीट, रेखांकन, सांख्यिकी और कैलकुलस को एक साथ लाता है।

उक्त बातें आज ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, स्नातकोत्तर गणित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नवीन कुमार अग्रवाल ने राम कृष्ण कॉलेज, मधुबनी के गणित विभाग एवं स्नातकोत्तर गणित विभाग द्वारा दूरस्थ प्रशिक्षण मोड के माध्यम से गणितीय सॉफ्टवेयर पर एक सप्ताह के संकाय विकास कार्यक्रम की शुरुआत के अवसर पर कही।

यह कार्यक्रम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे द्वारा विकसित स्पोकन-ट्यूटोरियल सॉफ्टवेयर ट्रेनिंग प्रोजेक्ट द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है, जो कि भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित आईसीटी के माध्यम से शिक्षा पर राष्ट्रीय मिशन की एक परियोजना है।

कार्यक्रम की शुरुआत फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के को-ऑर्डिनेटर डॉ डी के यादव, गणित के सहायक प्रोफेसर, आरके कॉलेज एंड एमएलएस कॉलेज, मधुबनी और यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ मैथमेटिक्स हेड प्रो (डॉ) एनके अग्रवाल और डॉ के के साहू, यूनिवर्सिटी के को-ऑर्डिनेटर ऑफ स्पोकन ट्यूटोरियल, ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी, दरभंगा के सहयोग से हुआ है।

प्रशिक्षक स्पोकन ट्यूटोरियल टीम द्वारा प्रदान किया गया है और यह कार्यक्रम सुश्री ज़ाहिरा शेख, प्रशिक्षण समन्वयक, बिहार के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम 12 मई, 2020 तक व्हाट्सएप का उपयोग करके ऑनलाइन चलेगा।

स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के लगभग एक सौ दस गणित, कंप्यूटर विज्ञान और विज्ञान संकायों के शिक्षक जो लगभग सोलह राज्यों और बीस से अधिक विश्वविद्यालयों से तालुक रखते हैं ने कार्यक्रम में भाग लिया है। यहां तक ​​कि कई शोधकर्ता आईसीटी के माध्यम से ऑनलाइन सीखने का लाभ प्राप्त करने के लिए कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी प्रो के के साहू ने कहा कि चॉकबोर्ड, मॉडल, ग्राफ आदि के माध्यम से गणित की शास्त्रीय शिक्षा अब कंप्यूटर सहायता प्राप्त सॉफ्टवेयर की ओर तेजी से बढ़ रही है। कई सॉफ्टवेयर अब विशिष्ट सीखने और गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए उपलब्ध हैं।

जियो जेब्रा एक मुक्त खुला स्रोत गणितीय सॉफ्टवेयर है जो प्राथमिक विद्यालय से विश्वविद्यालय स्तर तक गणित और विज्ञान को पढ़ाने और सीखने के लिए है। उन्होंने संकाय विकास कार्यक्रम के आयोजन के लिए गणित के समन्वयक-एफडीपी सह सहायक प्रोफेसर डॉ डी के यादव को बधाई दी।

आर के कॉलेज , मधुबनी के प्राचार्य डॉ ए के मंडल ने संकाय विकास कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और कहा कि ये आयोजन पहली बार हो रहा है जो सभी के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। उन्होंने ट्रेनर के रूप में सक्रिय भागीदारी के लिए सुश्री ज़हेरा शेख को धन्यवाद दिया। उन्होंने प्रो साहू और प्रो अग्रवाल को उनके बहुमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाद दिया और कार्यक्रम के आयोजन को आरंभ करने और मदद करने के लिए धन्यवाद किया।

सत्र में प्रशिक्षण सह-समन्वयक सुश्री ज़ाहिरा शेख और कार्यक्रम समन्वयक डॉ डी के यादव द्वारा जियो जेब्रा के बारे में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया।

ज्ञातव्य हो कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह विश्वविद्यालय के विकास के लिए लगातार शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करवा रहे है। ये कार्यक्रम उनकी सोच के अनुरूप किया जा रहा है जिससे देश के सभी प्रतिभागियों को लाभ मिलेगा जिसका उपयोग वे अपने संस्थान के विकास में दे सकते है। आज इस कार्यक्रम का पहला दिन है।

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