मिथिला विश्वविद्यालय में कुलपति सम्मान समारोह आयोजित
मिथिला विश्वविद्यालय में कुलपति सम्मान समारोह आयोजित
व्यावहारिक व नीतिगत तरीके से सकारात्मकता के साथ लिए गये हमारे सभी निर्णयों में छात्रहित सर्वोपरि- कुलपति
जे टी न्यूज़
दरभंगा: समारोह में कुलपति, प्रति- कुलपति, कुलसचिव व वित्तीय परामर्शी के साथ ही प्रो विमलेन्दु शेखर, प्रो शिशिर वर्मा तथा डा अवनि रंजन आदि ने भी रखे विचार
ज्ञान से बड़ा कुछ भी नहीं होता है। हमलोग ज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर आते हैं। यदि पूरे ध्यान से काम करेंगे तो फिर काम बेहतर ही होंगे। काम जानते हुए भी नहीं करने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। हर जगह नकारात्मक तत्त्व होते हैं, पर यहां मुझे अच्छे लोग ही मिले हैं। यहां का माहौल भी अच्छा है। इसलिए यहां की कार्य- संस्कृति में बदलाव स्वयं हो रहा है। बदलाव बाहर से नहीं, बल्कि हमारे अंदर से ही अपने- आप हो तो बेहतर परिणाम आना स्वाभाविक है। उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में 2 वर्ष पूर्ण होने पर पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में कही।
कुलपति ने कहा कि हमारे सभी निर्णय व्यावहारिक व नीतिगत तरीके से सकारात्मकता के साथ लिए गये हैं, जिनमें छात्रहित सर्वोपरि रहा है। जरूरत के अनुसार कार्य- संस्कृति में हर संभव बदलाव भी किए गए हैं, जिनमें सबका पूरा सहयोग मिला है और उनका सुखद परिणाम भी दीख रहा है। कुलपति ने अपने सभी शुभचिंतकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि यहां के सभी लोग अच्छे हैं जो सकारात्मक बदलाव भी ला रहे हैं। आप सब मेरे कार्यकाल के 2 वर्ष पूरा होने पर सम्मान समारोह आयोजित किये हैं, जिसके लिए मैं आप सबका आभारी हूं।
प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने कहा कि आज के दौर में किसी भी विश्वविद्यालय में व्यावहारिक बने बिना कार्य करना कठिन है। प्रो सिंह को कुलाधिपति द्वारा श्रेष्ठ कुलपति का सम्मान दिया जाना, हम सबको भी गौरवान्वित एवं सम्मानित करता है। प्रति कुलपति ने कहा कि कुलपति बिना किसी पर दबाव डाले, उनसे बेहतर कार्य करवाने की क्षमता रखते हैं। प्रो सिंह उत्तम प्रशासक, सशक्त शिक्षाविद् एवं व्यावहारिक कुलपति हैं। हम सब कुलपति के शेष 1 वर्ष में और भी बेहतर कार्य करने का प्रयास करेंगे।
विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी सह वित्तीय परामर्शी कैलाश राम ने कहा कि वर्तमान कुलपति के कारण ही मैं इस विश्वविद्यालय में आया हूं। मैंने इनके काल में पेंडिंग पड़ी सभी फाइलों को सम्पादित करते हुए कुलपति जी से बहुत कुछ सीखा है। उन्हें कुलसचिव को विश्वविद्यालय का ऑलराउंडर बताते हुए कहा कि यहां दूसरों की समस्याओं का निदान करते हुए मुझे भी प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।
कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद ने शायरी के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने कुलपति महोदय से वक्त का सदुपयोग करना सीखा है। ये कार्यालय से जाते समय पूछते हैं कि कोई संचिका बची तो नहीं है। इन्होंने सबको अपनी योग्यता, पूर्ण विश्वास तथा निर्भीकता के साथ कार्य करने की स्वतंत्रता दी है। कुलपति के सद्प्रयास से ही आज विश्वविद्यालय के किसी भी कॉलेज का कोई भी विभाग शिक्षक विहीन नहीं है। यद्यपि विश्वविद्यालय के सामने बहुत सी झंझावातें रही हैं, फिर भी विश्वविद्यालय किसी भी क्षेत्र में आज पीछे नहीं है। कुलसचिव ने प्रति कुलपति व वित्तीय परामर्श तथा अवकाश ग्रहण के बाद भी सहयोग हेतु विशेषकर प्रो विमलेन्दु शेखर झा व डॉ अवनि रंजन सिंह आदि के साथ ही सभी पदाधिकारियों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों एवं कर्मियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
विज्ञान संकाय के डीन प्रो शिशिर कुमार वर्मा ने कहा कि कुलपति की उपलब्धियां स्वर्णाक्षरों में लिखी जाएगी। मेरी व्यक्तिगत उपलब्धियां भी कुलपति के कार्यकाल में ही हुई हैं। मुझे इनका मार्गदर्शन एवं पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है।
डॉ अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो भी एस झा ने कहा कि मैं विश्वविद्यालय की स्थापना काल से ही प्रशासन के नजदीक से जुड़ा रहा हूं। कुलपति की प्रशासकीय क्षमता सराहनीय है। कार्य करते हुए हमलोगों को लगता है कि कुलपति का हाथ सदा हमारे पीछे है, जिससे यहां की कार्यशैली में इजाफा हुआ है। हमें इनसे सदा प्रेरणा मिलती है।
डा अवनि रंजन सिंह ने कहा कि कुलपति के कारण विश्वविद्यालय की बेहतर कार्य संस्कृति तथा अनुशासन व्यवस्था बनी है, जिनसे आगे भी दिशा मिलती रहेगी। कुलपति ने अपने आगे शास्त्र को रखा है तो पीछे शस्त्र को भी।
समारोह में डा आनंद मोहन मिश्र, डा जिया हैदर, डा महेश प्रसाद सिन्हा, डा आर एन चौरसिया, डा दिव्या रानी हंसदा, डा विनोद बैठा, डा आनंद प्रकाश गुप्ता, प्रो सुरेन्द्र कुमार, प्रो अरुण कुमार सिंह, प्रो दमन कुमार झा, डा सुरेश पासवान, डा कामेश्वर पासवान, डा नवीन कुमार सिंह, डा गीतेन्द्र ठाकुर, प्रो आलमगीर, डा विजय कुमार यादव व डा सत्यम कुमार सहित 50 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।
कुलपति को सदस्यों ने पुष्पगुच्छ, मखाना- माला, मिथिला- पेंटिंग्स, पाग- चादर, सिक्की- गणेश तथा गुलाब- फूल आदि से अभिनंदन किया। कुलपति ने केक काटकर समारोह की शुरुआत की। वहीं उपस्थित सदस्यों का मुंह मीठा भी कराया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए दूरस्थ शिक्षा के निदेशक प्रो अशोक कुमार मेहता ने कहा कि कुलपति के नेतृत्व एवं दिशा- निर्देश में विश्वविद्यालय को सब कार्यों में सफलता मिल रही है। विश्वविद्यालय के विकास के अध्यायों को कुलपति महोदय ने जोड़ा है। उन्होंने बताया कि कुलपति किसी भी बात को विस्मृत नहीं करते हैं। अगला वर्ष विश्वविद्यालय के लिए और भी खास होगा। कुलानुशासक एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रो अजय नाथ झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।