श्री रौनियार वैश्य बन्धु समिति ने हर्षोल्लास के साथ मनाया महाराज हेमू की जयंती सह विजय दिवस!

श्री रौनियार वैश्य बन्धु समिति ने हर्षोल्लास के साथ मनाया महाराज हेमू की जयंती सह विजय दिवस!
जेटी न्यूज


रक्सौल पूर्वी चंपारण – श्री रौनियार वैश्य बन्धु समिति के बैनर तले रौनियार कुल भूषण महाराजा विक्रमादित्य हेम चन्द्र साह(हेमू )की जयंती सह विजय दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया।रक्सौल के नागा रोड में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता समिति के अनुमंडल अध्यक्ष शिव पूजन प्रसाद ने की। आयोजित कार्यक्रम में महाराजा हेमू के तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि महाराजा हेमू हमारे आदर्श व प्रेरणा स्रोत हैं। उनके विरासत को और समृद्ध बनाने की जरूरत है। समाज के बच्चे और नौजवान हेमू साह के जीवनी के बारे में नहीं जानते हैं, उन्हें इसका ज्ञान कराया जाए।


उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि 7 अक्टूबर को 1556 में महाराज हेमू का राज्याभिषेक हुआ था। उनका जन्म राजस्थान के अलवर के सामान्य परिवार में 1501 हुआ था। लगभग तीन शताब्दियों तक मुगल शासन के बाद एक साधारण व्यापारी से सम्राट बने महाराजा हेमू विक्रमादित्य ही वो अंतिम हिन्दू सम्राट थे, जो दिल्ली पर अधिकार किए। सम्राट हेमचंद्र ने अकबर को युद्ध में मात दी।पानीपत की दूसरी लड़ाई के वीर थे हेमू और इस लड़ाई ने इस वीर राजा का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया है। हेमू ने अपने जीवन में कुल 23 युद्ध लड़े। वीर हेमू को छोटे-बड़े 22 युद्ध में विजयश्री प्राप्त हुई, किन्तु अंतिम और 23वें युद्ध में सम्राट हेमचंद्र को वीरगति मिली। उनकी आंख में तीर मारकर उनकी हत्या की गई। महान योद्धा हेमचंद्र विक्रमादित्य इतिहास के पन्नों का एक शौर्ययुग हैं। महान राजा हेमू और उनके पिता की वीरता की कहानी इतिहास में दर्ज है। पृथ्वीराज चौहान के बाद 350 साल से हिन्दू राजा की प्रतीक्षा कर रही दिल्ली की गद्दी पर एक बार फिर हिन्दू सम्राट आसीन हुआ था। लेकिन उसके बाद जो हुआ उस पानीपत के युद्ध ने भारत का समूचा इतिहास बदल दिया। समिति के अध्यक्ष शिव पूजन प्रसाद ने सरकार से महाराजा विक्रमादित्य हेमू की प्रतिमा स्थापित करने की मांग करते हुए कहा कि जो समाज पूर्वजो को याद नही करता उसकी हस्ती मिट जाती है।

महापुरुषों के आदर्शों को अपना कर ही किसी भी समाज की प्रगति -उन्नति सम्भव है। मंजिल उन्हें ही मिलती है,जो संगठित होते हैं। मौके पर भैरो प्रसाद गुप्ता(महामंत्री), राजेश कुमार शिक्षक (सचिव), रामजी प्रसाद गुप्ता (सचिव),राज कुमार गुप्ता (कोषाध्यक्ष), हरि पूजन प्रसाद,शिव शंकर प्रसाद, डॉ. अजय कुमार गुप्ता, दीपक कुमार,सुबोध कुमार,मुन्ना कुमार, सुशील कुमार,राहुल कुमार,रमेश कुमार गुप्ता,राज कुमार गुप्ता,रवि कुमार गुप्ता(अंकेक्षक), मोहन प्रसाद गुप्ता, किशन कुमार गुप्ता तथा धनंजय कुमार गुप्ता सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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