छठमय बिहार अब हुआ उदास गरीब-अमीर ,ऊंच – नीच छुआछूत का भेद मिटाता सूर्योंपासना का छठ पर्व

जे टी न्यूज़

वैशाली : बिहार , युपी ही नहीं ,जहाँ भी यहाँ के लोग रह्ते हैं वहाँ ”नारी सशक्तिकरण में पुरुष की सार्थक भूमिका के प्रतीक लोकपर्व डाला छठ पर लाखो आस्थवानो ने गंगा तट पर आस्ताचलगामी एवं सुवह सूर्योदय हो रहे भगवान सूर्य को दूध या गंगाजल का अर्घ्य दिया। घाटों पर सीमित स्थान होने के कारण बहुत से बुद्धिजीवी एवं आस्थवानो ने अपने-अपने घर के छत पर ही सजाकर बड़े ही प्रेम-श्रद्धा के साथ छठी माई का पर्व किए हैं। घाट परआस्था का ज्वार हिलोरें लेने के कारण बहुत से लोग जल में खड़े होकर अर्घ्य नहीं दे पाते, वे किनारे तक पहुंचने को ही भाग्य समझते हैं।ज्यादा लोगों के कारण गंगाकिनारेकाफीकादो,-कादो हो जाता है।अत: अब अधिक तर लोग अपने-अपने छत पर ही पानी जमा कर इस पर्व को विधि – ‘विधान से करते हैं। सुभाष नगर,सेनानी सदन के बगल में स्थित श्री नारायण जी वैद्य के दूसरे सुपुत्र श्री संजय नारायण एवं श्री मती रश्मि चौधरी ने कई लोगों का एवं परिवार के छठ पर्व का अर्घ्य अपने छत पर आयोजित छठ पर्व का अर्घ्य दिया। खरना , शाम का अर्घ्य और सुबह का अर्घ्य बड़ी ही साज-सज्जा एवं पवित्रता के साथ पावन पर्व छठ संपन्न हुआ। छत पर जाने पर पताचला कि अगल-बगल के छतों परभी लोग अर्घ्य दे रहें हैं।

जनता दल यू ,कला-संस्कृति एवं खेल प्रकोष्ठ के प्रदेश महा सचिव, बौद्धिक मंच के अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय कायस्थ महा सभा के प्रदेश शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री रवींद्र कुमार रतन जी की उपस्थिति से गहमा गहमी रही।उन्होंने भी भगवान सूर्य एवं छठी माँ को दूध से सप्त्नीक अर्घ्य दियाऔर पूजा किया। छठ व्रत के निमित्त पूजा -अर्चना में परिवार के पुरुष- एवं बच्चे भी अपनी-अपनी जिम्मेवारी को बखुबी निभाते हैं। श्री रतन एवं श्री मती सरोज वाला सहाय ने भी यथोचित प्रनाम एवं आशीर्वाद दिया । पवनैती स्नेह प्रिय संजय नारायण एव रश्मि चौधरी छठ वार्ति को विशेष रुप से आशीर्वाद और धन्यवाद देते हुए कृतज्ञता जताई। इस छत पर भी बड़ी संख्या मंश्रद्धलूओं की भीड़ रही। समारोह में श्री अजय नारायण उर्फ पप्पू जी,संजय नारायणजी,गुड्डूजी,रश्मि, गीता चौधरी,गुड्डी,मधु,अमन, अंकित ,शिवम,शिवांगी,सलोनी,केशव,वैभव ,आदि की भी इस त्योहार की सफलता में भागी दारी बनी रही।
खास कर बिहार और युपी मे इस पर्व की ज्यादा महत्ता है ।

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