आधुनिक भारत के कर्ण अवतार डी अम्बेडकर जी को शत-शत नमन: विजय अमित निदेशक आयाम

अरेराज पूर्वी चंपारण – सनातन धर्म में पुनर्जन्म की परम्परा है। जब महात्मा गांधी पर फिल्म बनाने के लिए दिल्ली स्थित बिरला भवन में वहां की पदाधिकारी डाक्टर सविता जी से मिलने गया था, तो उसी दौरान गांधी जी के जीवन पर” नौ दिवसीय परिचर्चा” का आयोजन भी हो रहा था। उसमें गांधी जी के प्रपौत्र ने बताया कि– जब अम्बेडकर साहब कांग्रेस की बैठक में पहली बार आए तो उनके पोशाक को देखकर गांधी जी ने सोचा कि वे किसी स्वर्ण जाति और संभ्रात परिवार से आते होंगे? क्योंकि अम्बेडकर साहब कोट- – टाई और जूता मोजा चश्मा आदि धारण कर मीटिंग में पहुँचे थे। लेकिन जब उन्होंने यह बताया कि वे दलित परिवार से आते हैं तो सबको बहुत आश्चर्य हुआ और इससे भी ज्यादा आश्चर्य तब हुआ–जब अम्बेदकर साहब ने यह बताया कि इस देश में कोट-पैन्ट-टाई – जूता- मोजा -चश्मा आदि पहनने वाले कम से कम बीए यानि ग्रेज्युट होते हैं? तो मेरा पोशाक इस बात का संदेश देता है कि- हर दलित युवा को कम से कम बी ए तो जरूर पास होना चाहिए और यही परम्परा” डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद” के वंशज कायस्थ जाति का होता है –यानि कहने का अभिप्राय यह है कि- हर भारतीय को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत ही कोई भी आजीविकापूर्ति हेतु कार्य करना चाहिए -चाहे वह सफाई योद्वा ही क्यों ना हो? उक्त बातें आयाम के निदेशक एवं स्वच्छ अरेराज नगर पंचायत के स्वच्छता अभियान 2023 के ब्रांड एंबेसडर विजय अमित ने आधुनिक भारत के “भाग्य विधाता कर्ण के आखिरी अवतार डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर साहेब” के महा परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर मंगलवार को कही। उन्होंने कहा कि -तो बात कर्ण की हो रही थी– जब भगवान कृष्ण ने मरते समय कर्ण से कहा कि– तेरे दलित राजा होने के बाद भी जब भारत वर्ष के प्रत्येक गुरुकुल मे दलितो को प्रवेश नहीमिल सका? सैनिक नहीं बन पाया? राज कार्यालय मे पदाधिकारी नहीं बन पाया? मंदिरों में प्रवेश नहीं कर पाया? वेद आदि ग्रन्थो को पढ नहीं पाया? तो तेरा राजा बन जाने के बाद तेरे समाज का क्या उद्घार हो सका? इस बात पर गंभीर होटे हुए कर्ण ने कहा कि इस अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए मैं पूनर्जन्म लेता रहूँगा और यह प्रकिया डाक्टर भीमराव अम्बेडकर के रूप के सम्पूर्ण हुआ जब उन्होंने आधूनिक भारत के संविधान की रचना और दलितो के लिए विशेष सुविधा हेतू आरक्षण की व्यवस्था की जिसके निर्माण में डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद की बहुत ही महत्ती भूमिका निभाई गई, तो आज” भारत वर्ष के आधुनिक कर्ण डाक्टर अम्बेदकर साहब” के जीवन से सीख लेते हुए अपने बच्चो को किसी भी तरह से उच्चतम शिक्षा दिलाने का संकल्प लेना होगा।

जेटी न्यूज/ डी एन कुशवाहा

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