स्वचालित कवि गोष्ठी के तत्वावधान में काव्य संध्या का हुआ आयोजन कवियों ने अपनी रचनाओं से नववर्ष का किया स्वागत

स्वचालित कवि गोष्ठी के तत्वावधान में काव्य संध्या का हुआ आयोजन

कवियों ने अपनी रचनाओं से नववर्ष का किया स्वागत

प्रो अरुण कुमार/जेटी न्यूज

मधुबनी।अलविदा साल 2022 को लेकर स्वचालित कवि गोष्ठी के तत्वावधान में काव्य संध्या परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवि उदय जायसवाल ने बीत रहे साल के घटनाक्रमों को रेखांकित करते हुए आंग्ल नव वर्ष की शुभकामना के सङ्ग सभी कवियों एवं साहित्यकारों का अभिनंदन किये। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व डीआईजी चंद्रशेखर दास ने काव्य विधा एवं कविगोष्ठी की निरंतरता पर साधुवाद दिया। कवि डॉ जगदीश झा की अध्यक्षता में आयोजित कवि गोष्ठी का आगाज़ करते हुए प्रो.जेपी सिंह ने अपनी रचना ‘एकांकी जीवन में सपनों को बुनता हूँ’ का पाठ किया। ततपश्चात उदयनाथ झा की रचना ‘एक अरसे के बाद वह अपने घर आया है’, प्रो.नरेंद्र नारायण सिंह निराला की ‘कवि के लिए सबसे कठिन है शब्दों की तलाश’, गोपाल झा अभिषेक की रचना ‘रंग नहीं है हम, हर रंग से परे है हम’, को श्रोताओं ने खूब सराहा। इनके अलावा आनंद मोहन झा का बूफे दावत पर व्यंग, ऋषिदेव सिंह अधिवक्ता की अंग्रेजी कविता ‘चाइल्ड ऑफ टुडे’, सुभेश चंद्र झा ‘जिए हम कैसे’, ज्योति रमण झा ‘माता का द्वार’ सुखदेव रावत कोरोना काल, डॉक्टर विनय विश्वबंधु ‘बीत गया वर्ष जाओ खुशी-खुशी’, डॉ बंशीधर मिश्र की रचना बवासीर, प्रो. निषाद की ग़ज़ल बेसुरे हुए तराने, डॉ जगदीश झा ‘नीलकंठ भवताप हरे’ अरविंद प्रसाद की ‘जाइ छ बाइस’, मालती कुमारी का पिंजरा, सुभाष चंद्र झा सनेही का स्नेह, साथ ही पटना से नीति झा ‘नित्यम’, लखनऊ से डॉक्टर कुसुम चौधरी, गुजरात से डॉक्टर पंकज लोचन सहाय कमल, भोपाल से राजकुमारी चौकसे प्रेरणा की रचना प्रस्तुत की गई।

कवि अजित आजाद, इतिहासकार रत्नेश्वर मिश्र को साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं रूपेश त्योंथ को युवा पुरस्कार के लिए कवि साहित्यकारों ने बधाई व शुभकामनाएं दी। वहीं, प्रो. शुभ कुमार वर्णवाल को इंडोनेशिया में आयोजित साहित्यकार सम्मेलन में भाग लेने हेतु बधाई दी गई। इसके अलावा डॉ एस.बालक, डॉ संजीव शमा, धर्मेंद्र भाई, राजेश पाण्डे, विनय शेखर दास, नवनीत, नीलाभ, मनीष कार्तिकेय की भी सहभागिता रही। समीक्षा प्रोफेसर जे.पी. सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन मालती मिश्रा ने किया। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूज्य माताजी हीराबेन के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी गई।

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