प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नमामि गंगे और पेयजल और स्वच्छता परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया – विनोद कुमार सिंह

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नमामि गंगे और पेयजल और स्वच्छता परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया –
विनोद कुमार सिंह
जे टी

दिल्ली: प्रधानमंत्री ने 990 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 7 सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं (20 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और 612 किमी नेटवर्क) का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं से नबद्वीप, कछरापरा, हलीशर, बज-बज, बैरकपुर,चंदन नगर,बांसबेरिया, उत्तरपारा कोटरंग, बैद्यबती, भद्रेश्वर, नैहाटी, गरूलिया, टीटागढ़, और पनिहाटी नगरपालिकाओं को लाभ होगा। ये परियोजनाएं पश्चिम बंगाल राज्य में 200 एमएलडी से अधिक की सीवेज उपचार क्षमता को बढ़ाएगी।


प्रधानमंत्री ने कोलकाता में टॉलीनाला और गंगा की एक सहायक नदी आदि गंगा नदी के कायाकल्प के लिए परियोजना के महत्व के बारे में बताया। नदी की खराब स्थिति को देखते हुए, एनएमसीजी द्वारा 653.67 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर परियोजना को मंजूरी दी गई है, जिसमें 10 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी),11.60 एमएलडी और 3.5 एमएलडी क्षमता के 3 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और आधुनिक सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है। यह परियोजना शत-प्रतिशत केंद्र प्रायोजित है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि नदियों की सफाई और कायाकल्प की दिशा में कार्यक्रम के तहत समग्र निवारक कदम उठाए जा रहे हैं। इन कदमों को देश की अन्य नदियों में दोहराने की जरूरत है, जो प्रदूषण की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विस्तार से बताया कि देश के अन्य हिस्सों में नदियों के लिए इस तरह की पहल को स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकताओं को देखते हुए विकसित करने की आवश्यकता है और इस प्रकार परिषद में चर्चा के परिणाम के माध्यम से इसे सुगम बनाया जा सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि परिषद के सदस्य अपने विशाल अनुभव और नेतृत्व के माध्यम से पहल करने के लिए विचार और तरीके बताएंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्थानीय निकायों जैसे नगरपालिका, ग्राम पंचायतों को मिशन की गतिविधियों में शामिल करने की भी बात कही। इससे जमीनी स्तर पर राज्य सरकार की क्षमता भी बढ़ेगी और गंगा मिशन सफल होगा।
प्रधानमंत्री ने गंगा नदी को नौवहन जलमार्ग के रूप में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि भारत में 1,000 से अधिक जलमार्गों का निर्माण किया जा रहा है और उन्होंने यह भी कहा कि हमारा उद्देश्य आधुनिक क्रूज जहाजों को भारतीय नदियों में चलाना है।जलमार्गों के पर्याप्त विकास के साथ, भारत का क्रूज पर्यटन क्षेत्र एक भव्य नई यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि 13 जनवरी, 2023 को दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज काशी से 2,300 किलोमीटर की यात्रा करके बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।
प्रधानमंत्री ने नदी की स्वच्छता में जन आंदोलन और जनभागीदारी के महत्व पर जोर दिया। मां गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प प्रत्येक नागरिक को लेना होगा, तभी सरकार के सभी प्रबंध सफल होंगे।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श् गजेंद्र सिंह ने परिषद के सदस्यों को सूचित किया कि यह 2016 के प्राधिकरण अधिसूचना आदेश के अनुसरण में राष्ट्रीय गंगा परिषद की दूसरी बैठक है। परिषद नमामि गंगे कार्यक्रम को आगे बढ़ाने और भारत में सबसे पूजनीय और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण नदी गंगा की निर्मलता और अविरलता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को निर्देश प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 2019 में राष्ट्रीय गंगा परिषद (एनजीसी) की पहली बैठक में प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित अर्थ गंगा के महत्वपूर्ण घटक के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि अर्थ गंगा के तहत कई प्रमुख पहलें शुरू की गई हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य “अर्थव्यवस्था के सेतु” के माध्यम से लोगों को नदी से जोड़ना और नमामि गंगे को पूरे देश के लिए स्‍वयं अविरल नदी कायाकल्प मॉडल के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, उपचारित जल और कीचड़ का पुन: उपयोग, आजीविका सृजन, संस्थागत क्षमता निर्माण आदि सहित कई नई पहल की गई हैं।
इसके अलावा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और बिहार के उपमुख्यमंत्री द्वारा कुछ मुद्दों को उठाया गया और साझा किया गया।
इससे पहले नदी विकास एवं गंगा संभरण मंत्रालय के जल संसाधन विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार ने एनजीसी की पिछली बैठक के बाद, कानपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों की प्रगति और अर्थ गंगा के तहत की गई पहलों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

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