वाक्यार्थ सभा में व्याकरण,दर्शन एवं साहित्य के गूढ़ रहस्यों पर हुआ विमर्श

वाक्यार्थ सभा में व्याकरण,दर्शन एवं साहित्य के गूढ़ रहस्यों पर हुआ विमर्श

सभा में छात्रों एवं प्राध्यापकों ने शास्त्रों में वर्णित गूढ़ रहस्यों का किया प्रतिपादन

प्रो अरुण कुमार/जेटी न्यूज

मधुबनी।संस्कृत भारती विद्वत परिषद बिहारप्रान्त एवं कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को एकदिवसीय वाक्यार्थ सभा का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय स्थित अधिषद्भवन में दो बजे से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन केएसडीएसयू के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा एवं संस्कृत भारती बिहारप्रांत के संगठन मंत्री डॉ. श्रवण कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया ‌।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने कहा कि वाक्यार्थ सभा की परंपरा मिथिला में बहुत प्राचीन काल से रही है। इस तरह के आयोजन से शास्त्रों के संरक्षण एवं संवर्धन में बल मिलता है। संस्कृतभारती का यह नूतन प्रकल्प अत्यंत ही प्रशंसनीय है। इससे शास्त्रों में निबद्ध ज्ञान – विज्ञान की गूढ़ रहस्य की जानकारी प्राप्त कर शोधार्थी एवं अन्य लोग लाभान्वित होंग


वहीं मुख्यातिथि डॉ. श्रवण कुमार ने कहा कि संस्कृत भारती द्वारा विभिन्न आयामों की शुरुआत हुई है। जिसमें शास्त्र संरक्षण की दृष्टि से विद्वत्परिषद् का गठन किया गया है। आज इस विद्वत्परिषद् की शुरुआत इस गौरवशाली विश्वविद्यालय से हुई है जो पूरे प्रदेश के लोगों को भाषायिक एवं शास्त्रीय ज्ञान प्रदान कराने में सहायक सिद्ध होगा।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए संस्कृतभारती बिहार के प्रान्तप्रचार प्रमुख डॉ.रामसेवक झा ने बताया कि वाक्यार्थ सभा में छात्र अवधेश कुमार झा ने ‘ भूवादयो धातव: ‘ विषय का प्रतिपादन किया । वहीं दर्शन संकायाध्यक्ष डॉ.शंभूशरण तिवारी ने ‘ सिद्धांतव्याप्ति: ‘ विषय का प्रवर्धन कर दर्शन के गूढ़ रहस्यों को उजागर किया।  स्नातकोत्तर व्याकरण विभाग के सहायक प्राध्यापिका डॉ.एल् सविता आर्य ने ‘ इको यणचीति पदकृत्यविचार: ‘ का उदाहरण पूर्वक विषयोपस्थापन की।  रामेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय दरभंगा के साहित्य प्राध्यापक डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र ने ‘ काव्यलक्षणविचार: ‘ विषय का प्रतिपादन करते हुए साहित्य शास्त्र में वर्णित काव्य के विभिन्न लक्षणों को उदाहरण पूर्वक स्पष्ट किया।


कार्यक्रम की शुरुआत वेद विभाग के सहायक प्राचार्य डॉ.ध्रुव कुमार मिश्र के वैदिक मंगलाचरण से हुई । आगत अतिथियों का स्वागत संस्कृतभारती दरभंगा के जिला मंत्री सह व्याकरण प्राध्यापक डॉ. त्रिलोक झा ने किया। कार्यक्रम का संचालन व संयोजन संस्कृतभारती विद्वत परिषद के संयोजक डॉ. यदुवीर स्वरूप शास्त्री ने तथा धन्यवाद ज्ञापन साहित्य प्राध्यापक डॉ .रितेश कुमार चतुर्वेदी ने किया।
कार्यक्रम में विद्वतपरिषद सदस्य प्रो. सुरेश्वर झा,प्रो. लक्ष्मीनाथ झा कुलसचिव डॉ. दीनानाथ साह, प्रो.श्रीपति त्रिपाठी, प्रो. दिलीप कुमार झा ,प्रो. पुरेन्द्र वारिक, प्रो. विनय कुमार मिश्र , प्रो. मीना कुमारी, प्रो.रेणुका सिन्हा, डॉ सुधीर कुमार झा, डॉ. उमेश कुमार झा,प्रो.हरेंद्रकिशोर झा, डॉ. संजीत कुमार झा सहित गणमान्य लोग एवं छात्रगण उपस्थित थे।

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