शिवदास घोष की साल भर चले जन्मशताब्दी कार्यक्रम का समापन समारोह

शिवदास घोष की साल भर चले जन्मशताब्दी कार्यक्रम का समापन समारोह
जे टी न्यूज

कोलकाता : महान मार्क्सवादी चिंतक और एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के संस्थापक महासचिव शिवदास घोष की साल भर चले जन्मशताब्दी कार्यक्रम के समापन समारोह के अवसर पर आज कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक विशाल जनसभा आयोजित की गई। मुख्य वक्ता एसयूसीआई (सी) के महासचिव प्रभास घोष थे। अन्य वक्ता थे पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य सत्यवान। पोलित ब्यूरो सदस्य के. राधाकृष्ण ने जनसभा की अध्यक्षता की।

मुख्य वक्ता पार्टी के महासचिव प्रभास घोष ने देश के उन तमाम लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने ब्रिगेड की इस विशाल सभा को सफल बनाने के लिए आर्थिक मदद सहित विभिन्न पहलुओं से मदद की है। उन्होंने इस बात की चर्चा करते हुए कि कैसे शिवदास घोष ने अथक मेहनत से इस पार्टी का निर्माण किया, कहा कि उन दिनों जिन पार्टियों ने मजाक उड़ाया था, उन पर व्यग्य किया था, वे आज खत्म हो गई हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार डबल इंजन की सरकार होने का दंभ भरती है, लेकिन डबल इंजन की गाड़ी पर अंबानी, अडानी जैसे कॉरपोरेट मालिक सवार हैं और देश की गरीब आम जनता उस गाड़ी से कुचली जा रही है। इस भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष ने ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया है| लेकिन यह ‘इंडिया’ किस इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहा है? क्या वह गरीबों का इंडिया है? क्या कांग्रेस ने दंगे नहीं करवाये हैं? इसी कांग्रेस को सीपीएम वाले सेक्युलर बता रहे हैं। तृणमूल भी उनके साथ है। राज्य में तृणमूल का विरोध करने वाली सीपीएम भी उस गठबंधन में शामिल है। उसने तो एक इमाम को सेक्युलर बना दिया है। इधर, तृणमूल सरकार ने पुराने जमाने में जमींदारों द्वारा कराये जा रहे कंगाली भोज की तरह वोटों के लिए लक्ष्मी भंडार सहित विभिन्न “श्री” परियोजनाएं शुरू की है। तृणमूल ने वोट के नाम पर खून की नदियां बहा दी। हालांकि 2009 और 2011 में उसे बूथों पर कब्जा नहीं करना पड़ा था, जैसे कि 1977 में बिना किसी धांधली के ही सीपीएम सत्ता में आई थी। इसके बाद सीपीएम ने हर चुनाव में धांधली किया। अब तृणमूल भी उसी रास्ते पर चल रही है।

पोलित ब्यूरो सदस्य सत्यवान ने कहा कि केंद्र और राज्य में जो भी पार्टियां सत्ता में आ रही हैं, वे सभी भारत के पूंजीवादी शासन की ही सेवा कर रही हैं। भारतीय पूंजीवाद साम्राज्यवादी चरित्र हासिल कर चुका है। इस संसदीय राजनीतिक व्यवस्था में जितने दिन बीत रहे हैं, लोगों की समस्याएं उतनी ही घनीभूत हो रही हैं। सांप्रदायिकता का जहर फैलाकर देश की जनता में विभेद पैदा किया जा रहा है| मणिपुर में विभेद की आग जलाई जा रही है। इसके लिए केंद्र और मणिपुर दोनोँ जगहों की भाजपा सरकारें जिम्मेदार हैं। भाजपा को अवश्य ही परास्त करना है, लेकिन केवल वोट की राजनीति से लोगों की मूल समस्याओं का हल नहीं होगा। इसके लिए ताकतवर जन आंदोलन की जरूरत है।

जनसभा की अध्यक्षता करते हुए के राधाकृष्ण ने कहा कि शिवदास घोष आजादी आन्दोलन की गैर समझौतावादी धारा के योद्धा थे। मार्क्सवाद की समझ के आधार पर उन्होंने समझा था कि 1947 में भले ही देश आज़ाद हो गया, लेकिन जनता को वास्तविक मुक्ति नहीं मिली। इसलिए उन्होंने एक सही मार्क्सवादी पार्टी के रूप में देश में एसयूसीआई (सी) का निर्माण किया।

इस महती जनसभा में देश के 25 राज्यों और पश्चिम बंगाल के सभी जिलों से 2 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी हुई। इनमें बड़ी संख्या में वामपंथी और जनवाद पसंद लोग भी थे, जो स्वतःस्फूर्त रूप से शामिल हुए थे।

कार्यक्रम के शुरू में पोलित ब्यूरो सदस्य सौमेन बसु ने लाल झंडा फहराया। शिवदास घोष के जीवन-संघर्ष पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन पोलित ब्यूरो सदस्य कांतिमय देब ने किया, जबकि शिवदास घोष के उद्धरणों वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन पोलित ब्यूरो सदस्य राबिन समाजपति ने किया। प्रभास घोष और अन्य केंद्रीय नेताओं ने शिवदास घोष की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। पार्टी की युवा कम्युनिस्ट इकाई कोमसोमोल के 100 सदस्यों ने महान नेता की याद में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

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