नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ शहर में निकाला जुलूस, समाहरणालय के समक्ष किया प्रदर्शन
सारन 25 दिसंबर 2019
रिपोर्ट : धनपत राय।
छपरा : नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ अहमद रजा वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में नागरिकों ने शहर में मंगलवार को जुलूस निकाला और समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय ध्वज के साथ काफी संख्या में लोगों ने ब्रह्मपुर पुल के पास से जुलूस निकाला और श्याम चक, गुदरी, काशी बाजार, भगवान बाजार, दारोगा राय, डाक बंगला रोड, थाना चौक, नगर पालिका चौक होते हुए समाहरणालय पहुंच कर विरोध प्रकट किया। प्रदर्शनकारियों ने सीएए क़ानून विरोधी नारा लगाया। इस दौरान विधि व्यवस्था के मद्देनजर काफी संख्या में पुलिस बलों के जवानों के साथ मजिस्ट्रेट तैनात थे। ट्रस्ट के अध्यक्ष हाजी आफ़ताब आलम खान ने पुलिस पदाधिकारियों को गुलदस्ता और गुलाब देकर उनका स्वागत किया। नगर पालिका चौक पर आयोजित सभा में अध्यक्ष ने कहा कि यह नागरिक संशोधन क़ानून पूर्ण रूप से संविधान विरोधी क़ानून है और सामंतवादी, मनुवादी, संघवादी, विचारधारा की तानाशाह सरकार इस क़ानून के माध्यम से देश को विभाजित करने का षड्यंत्र कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार संविधान का अपमान कर रही है। उन्होंने सवाल खङा किया कि श्रीलंका के तमिल हिन्दु एवं नेपाल के ईसाईयों की उपेक्षा क्यों की गयी । क्या वहां सताये गए शरणार्थी नहीं है और क्या सरकार को उनसे कोई प्रेम नहीं है। यह तानाशाह सरकार देश के हर वर्ग के नागरिकों को लाईन में खड़ा कर उनसे उनका हिन्दुस्तानी होने का सबूत मांग रही है और पिछड़े, निर्धन, शोषित दलित, अल्पसंख्यक लोग जिनके पास भोजन, रोज़गार, शिक्षा, आवास व्यवसाय या किसी प्रकार कि कोई मूलभूत सुविधा नहीं है, वैसे नागरिकों पर सोची समझी साज़िश के तहत इस सीएए क़ानून के तहत भारत की नागरिकता समाप्त कर दुसरे दर्जे कि नागरिकता प्रदान करना चाहती है, जिसे सहन नहीं किया जायेगा और सरकार की ग़लत नीतियों का हर स्तर पर विरोध किया जायेगा और देश की आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश को नाकाम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आमजनो की सभी मूलभूत मुद्दों से ध्यान भटका रही है। बेरोज़गारी, महंगाई, रोज़गार, शिक्षा, घोटाले अहम मुद्दे हैं । प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता संशोधन बिल की एक हज़ार प्रतियों को फाड़कर अपना विरोध जताया अंत में ग्यारह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने ज़िला पदाधिकारी से मिलकर उनको फूलों का गुलदस्ता भेंट किया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौपा।
प्रतिनिधि मंडल में मो सुल्तान अहमद इद्रिशी, हाजी फ़हीम अशरफ़ खान, एजाज़ अहमद, हाफ़िज़ फ़ैयाज़ अहमद, आफ़ताब क़ादरी, नसीम अख़्तर, जिलानी मोबीन, लियाक़त अली, नासीर हसन खान एवं मो क़ासिम अंसारी शामिल थे। प्रदर्शन में नौ़शाद आलम, नबी अहमद, परवेज़ आलम खान, मेराज खान, बबन भाई, हाफ़िज़ ज़ाकिर, मौलाना रियाजूद्दीन, अब्दुल्ला क़ादरी, मो नियाजुदीन, तारीक अली, तनवीर खान, शकील अंसारी, मो सोहैल हाशमी, रमज़ान अली अली समेत काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया।