* लाखों महिलाओं दहलीज पार कर लड़ रही है तो बगैर जीत के पीछे हटने का सबाल ही नहीं – कवलप्रित कौर

* लाखों महिलाओं दहलीज पार कर लड़ रही है तो बगैर जीत के पीछे हटने का सबाल ही नहीं – कवलप्रित कौर
* सत्याग्रह का 20 वां दिन, पंडाल में महिलाओं का कब्जा
समस्तीपुर 29 जनवरी’20
गैर संवैधानिक नागरिकता कानून वापस लेने की मांग पर जिला समाहरणालय के समक्ष सरकारी बस स्टैंड में संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले 10 जनवरी से शुरू अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन बुधवार को 20 वें दिन भी जारी रहा।

बुधवार को आइसा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कवलप्रित कौर को सुनने आई महिलाओं एवं छात्राओं का पंडाल में कब्जा रहा।
मौके पर रजिउल इस्लाम, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, एवं जीतेंद्र सिंह चंदेल की तीन सदस्यीय अध्यक्षमंडली ने सभा की अध्यक्षता की। संचालन गृहिणी रेणू राज एवं नसरीन अंजूम ने बारी- बारी से किया।
सभा को संबोधित करते हुए आइसा नेत्री कवलप्रित कौर ने कहा कि आजादी के बाद पहली वार इतनी बड़ी संख्या में महिला एवं छात्राओं ने घर की दहलीज पार कर आंदोलन चला रही हैं। ये बगैर जीत हासिल किए चैन से नहीं बैठेंगी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई काला कानून वापस लेने के साथ ही संविधान बदलने के खिलाफ और लोकतंत्र बचाने का है। हमें मनुवादी संविधान लाने की कोशिश करने वाली मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल किए बिना रूकना नहीं है। हमें आंदोलन पर चले हर लाठी का जबाब मोदी-शाह से मांगना है। उन्होंने आंदोलन में पुलिस की गोली से मरे लोगों की शहादत को सलाम करते हुए कहा कि चाहे कोई भी सरकार हो भारत की जम्हूरियत को लाठी- गोली से कमजोर नहीं कर सकती। आज जरूरत छात्रों के लिए शिक्षा, नौजवानों के लिए रोजगार, पीड़ित के लिए चिकित्सा, भूमि, आवास की है। भ्रष्टाचार, महंगाई सरकार को रोकना चाहिए। हर परिवार की क्रय शक्ति सरकार को बढ़ावा चाहिए।

बैंक, एलआईसी, एयर इंडिया आदि सरकारी संसथान डूब रही है। सरकार साजिश के तहत काला नागरिकता कानून लाकर लोगों को लाईन में लगाकर नोटबंदी की तरह मरवाना चाहती है। हमें जान भी देकर इस कानून को वापस लेने की लडाई को तेज करना चाहिए।

आइसा प्रदेश अध्यक्ष में मोख्तार ने कहा कि हमें दलित- गरीबों की बस्ती में जाकर काला कानून से होने वाले परेशानी को बताना चाहिए।
संयोजक फैजुर रहमान फैज ने आगन्तुक तमाम महिलाओं एवं छात्राओं को स्वागत करते हुए कहा कि आपके बिना इतनी बड़ी लडाई जीता नहीं जा सकता। उन्होंने 30 जनवरी को सत्याग्रह स्थल पर महात्मा गांधी की शहादत दिवस मनाने की घोषणा की। सभा के दौरान आइसा के मनीषा कुमारी, द्राख्शा जमीं, आशा कुमारी, सुनील कुमार, में फरमान, प्रिति, जानवी समेत बड़ी संख्या में आइसा के कार्यकर्ता उपस्थित थे

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