बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए बने कानून

बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए बने कानून

 

जे टी न्यूज, समस्तीपुर : बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा केलिए बेशक कई कानून बनाये गये, बाकायदा बाल अधिकार अधिनियम लागू कर बचपन को बचाने की सरकार ने कोशिश भी की है। मगर, इस सबके बावजूद बाल मजदूरी, बाल विवाह, बाल यौन शोषण और बाल व्यापार जैसी कुव्यवस्था पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लक्ष्य से अभी भी हम मीलों दूर हैं। यह बेहद चिन्ताजनक है।

क्राई-चाइल्ड राइट्स एंड यू के एसोसिएट मैनेजर सह मीडिया रिलेशन रिसर्च एण्ड नाॅलेज एक्सचेंज ऑफिसर अभिक भट्टाचार्य नें समस्तीपुर प्रवास के दौरान जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र कार्यालय में संवाददाताओं से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अभी काफी कुछ करने की जरूरत है और इसके लिए लोगों को जागरूक होना पहली और अहम शर्त है। इस अवसर पर जेजेबीविके के सचिव सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि बचपन बचाओ अभियान में हमारा समेकित प्रयास जारी है। इस क्रम में हम क्राई, चाइल्ड लाइन और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के साथ मिलकर सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत और बाल विवाह मुक्त भारत आंदोलन को जनांदोलन बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता पूर्वक सक्रीय हैं। मौके पर रिसर्च एसोसिएट प्रत्यय मित्रा ने बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करनें पर बल दिया। एक्सेस टू जस्टिस कार्यक्रम की ज़िला कार्यक्रम समन्वयक दीप्ति कुमारी ने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के दौरान जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र नें स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर समस्तीपुर जिला में अभी तक 460 बाल विवाह रूकवा पायें है।

 

सपोर्ट पर्सन कौशल कुमार नें कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मार्गदर्शन में जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र नें 20.11.2023 से 10.12.2023 तक एक्शन मंथ के दौरान समस्तीपुर जिला के विभिन्न इलाकों से 215 बाल श्रमिकों को चिन्हित कर संबंधित विभाग को सूचित किया है और उन्हें बाल श्रम से मुक्त कराकर स्कूल से जोड़ा गया है।

Related Articles

Back to top button